फर्जी बोर्ड बनाने वाले मास्टरमाइंड पर कसा शिकंजा, पत्नी और भाई के खिलाफ गैर जमानती वारंट
अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से फर्जी बोर्ड बनाकर जालसाजी करने वाले गिरोह का दायरा UP ही नहीं बल्कि देश के 4 राज्यों में फैला हुआ है। संस्था ने 109 कालेजों को फ्रेंचाइजी बांटी है।
Action against fake board: पैरा मेडिकल कॉलेज का फर्जी बोर्ड बनाकर पूरे देश में जालसाजी कर रहे गिरोह के मास्टरमाइंड पंकज पोरवाल की पत्नी और भाई के खिलाफ पुलिस ने एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) हासिल कर तलाश शुरू कर दी है। वहीं पकंज पोरवाल पहले से ही जेल में है। फर्जी बोर्ड की जड़ें पश्चिम बंगाल में भी काफी गहरी बताई जा रही हैं। जांच के सिलसिले में एक टीम कोलकता जाने की तैयारी में है।
अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से फर्जी बोर्ड बनाकर जालसाजी करने वाले गिरोह का दायरा यूपी ही नहीं बल्कि देश के चार राज्यों में फैला हुआ है। संस्था ने 109 कालेजों को फ्रेंचाइजी बांटी है। यूपी के 14 की जगह 40 जिलों में जालसाजों ने फर्जी बोर्ड का दायरा बढ़ाया था। कॉलेजों की संख्या बढ़ने के साथ ही ठगी के शिकार छात्रों की संख्या भी हजारों में पहुंच गई है।
जांच कर रही एसआईटी ने आगरा शाहगंज स्थित फर्जी बोर्ड के ऑफिस पर सितम्बर में दबिश डालकर कई दस्तावेज बरामद किए थे। मुख्य आरोपित पंकज के अलावा उसकी पत्नी कंचन और भाई इन्दीवर पोरवाल की भूमिका मिलने पर पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू कर दी है। कोर्ट से उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू भी हासिल कर लिया है। उधर, गिरोह की शुरुआत पश्चिम बंगाल से हुई थी लिहाजा वहां भी एक टीम जांच के लिए जा रही है।
बैंक खाता सीज, सम्पत्ति की जानकारी जुटाई गई
टीम ने बैंक खातों की जांच की तो इनके पांच खाते सामने आए जिनमें पैसे का लेनदेन भी हुआ था। एक खाता संयुक्त रूप से पंकज और उसकी पत्नी के नाम से है। सभी खातों में मिलाकर करीब 16 लाख रुपये मिले हैं। पुलिस ने बैंक खाते फ्रीज करा दिए हैं। साथ ही उनकी अचल सम्पत्ति भी मिली है। पंकज पोरवाल का मकान 1400 स्कवायर फीट, थ्री बीएचके फ्लैट व अर्धनिर्मित मकान, एक प्लाट 1200 स्क्वायर फीट शाहगंज जबकि एक प्लाट आगरा में मिला है।
11 सितम्बर को हुआ था खुलासा, पकड़ा गया था मास्टर माइंड
गोरखपुर पुलिस ने इसी साल 11 सितम्बर को छात्रों के साथ पैरा मेडिकल शिक्षा के नाम पर विभिन्न कोर्स कराकर जालसाजी करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया था। मास्टरमाइंड के रूप में आगरा के पंकज पोरवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजवाया था। जांच में पता चला था कि गिरोह ने ‘अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट’ के नाम से अपना बोर्ड ऑफिस आगरा शाहगंज में बनाया है।
2013 से चल रहे चल रहे फर्जी बोर्ड से हजारों अभ्यर्थियों को डिग्री बांटी जा चुकी है। कई जिलों में जालसाजी सामने आने पर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने जांच के लिए एएसपी मानुष पारीक के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है। एएसपी पारीक ने बताया कि पकंज के भाई और पत्नी के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हो गया है।
यह था मामला
अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से जालसाजों ने आगरा के शाहगंज में बोर्ड ऑफिस बनाया था। इसमें पंकज के अलावा 13 अन्य लोग शामिल हैं जो कि बोर्ड के पदाधिकारी हैं। फ्रेन्चाईजी देकर पैरा मेडिकल कॉलेज खुद खोलकर या खुलवाकर विभिन्न कोर्स के नाम पर 2 से 3 लाख रुपये यह गिरोह वसूलता था। प्रवेश लेने वाले छात्रों की फीस का 30 प्रतिशत तथा परीक्षा कराने के दौरान भी रुपये लेता था।
भाई-पत्नी-चाचा के साथ दोस्तों को बनाया था पदाधिकारी
अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट का एनसीटी दिल्ली/चिट फन्ड से गिरोह ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें कुल 13 पदाधिकारी हैं। सभी पंकज पोरवाल के परिवार और परिचित लोग ही हैं। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं उसमें इन्दीवर पोरवाल (भाई), कंचन पोरवाल (पत्नी), जयवीर प्रसाद (चाचा), अनिरुद्ध कुमार (मित्र), नरेश (मित्र), निखिल (मित्र), कमलकान्त ( मित्र), कुलदीप वर्मा (मित्र), सुरेन्द्र (मित्र), रुची गुप्ता (सहयोगी ), दर्शन कुमार खट्टरी (मित्र), प्रेमचन्द्र (मित्र), मोहित (मित्र) शामिल हैं।