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व्यस्तता के चलते हाजिर नहीं हो पाया हुजूर, एनबीडब्ल्यू वापस करो, गिड़गिड़ाने लगे इंस्पेक्टर

अलीगढ़ में एक हत्याकांड के मुकदमे में हाजिर न होने पर गैर जमानती वारंट कटने के बाद इंस्पेक्टर ने कोर्ट में दलील दी। इंस्पेक्टर ने कोर्ट  में समय में पेश न होने के पीछे व्यस्तता की बात कही है।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, अलीगढ़Tue, 5 April 2022 05:36 AM
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अलीगढ़ के थाना पिसावा में दर्ज 2016 में हुई एक हत्या के एक मुकदमे में तत्कालीन विवेचक रहे वर्तमान में कानपुर के थाना काकादेव में तैनात इंस्पेक्टर रामकुमार गुप्ता सोमवार को बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में पेश हुए। अदालत ने पिछली तारीख पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर स्पेशल टीम के जरिये गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश दिया था। इंस्पेक्टर ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए।

साथ ही कोर्ट में समय में पेश न होने के पीछे व्यस्तता की दलील देते हुए गैर जमानती वारंट वापसी की गुहार लगाई। इस पर कोर्ट ने वारंट वापस किए। वहीं, हत्या में प्रयुक्त हथियार विधि विज्ञान प्रयोगशाला से न आ पाने को लेकर पिसावा के इंस्पेक्टर पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने इस मामले में बुधवार की तिथि नियत कर दी है। बुधवार को पुलिस को हथियार पेश करना होगा।

एडीजीसी जेपी राजपूत ने बताया कि पिसावा थाने में 2016 में हत्या का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे की विवेचना राम कुमार गुप्ता ने की। बाद में इनका तबादला हो गया। आरोपी सत्यपाल जेल में बंद है। इस मुकदमे के सभी गवाहों की गवाही कोर्ट में हो चुकी है। अंतिम गवाही तत्कालीन विवेचक रामकुमार गुप्ता की होनी थी। गवाही को दर्ज कराने कोर्ट की ओर से राम कुमार गुप्ता, जो कि वर्तमान में कानपुर नगर के थाना काकादेव में प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। उनको लगातार आदेश जारी किए गए। मगर, डेढ़ साल से वह गवाही के लिए पेश नहीं हुए। कोर्ट ने इनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किए। इसके बाद भी उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

पिछली तारीख पर एडीजे-9 सुनील सिंह ने इंस्पेक्टर रामकुमार गुप्ता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए। साथ ही साफ तौर पर आदेश दिया कि इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए। गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया जाए। इस पर काकादेव थाना इंस्पेक्टर रामकुमार गुप्ता कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने व्यस्तता का हवाला दिया। साथ ही गैर जमानती वारंट वापसी की गुहार लगाई। इस पर कोर्ट ने उनके वारंट वापस किए हैं।
 

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