यूपी पर कोरोना का रहम? कम वायरल लोड के चलते खतरा थोड़ा कम; ऐसा हुआ तो ही बिगड़ेंगे हालात
यूपी में कोरोना वायरस का प्रभाव बहुत गंभीर होने की आशंका कम ही है लेकिन लापरवाही हुई तो हालात बिगड़ सकते हैं। फिलहाल, जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण हुआ है उनमें वायरल लोड कम पाया जा रहा है।
चीन, जापान समेत दूसरे देशों में भले ही कोरोना ने तबाही मचा रखी हो लेकिन यूपी में इसके वायरस का प्रभाव बहुत गंभीर होने की आशंका कम ही है लेकिन लापरवाही हुई तो हालात बिगड़ सकते हैं। फिलहाल, जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण हुआ है उनमें वायरल लोड कम होने के कारण उनके संपर्क में आने वाले लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। वायरल लोड कम होने के कारण संक्रमितों के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग में अड़चन आ रही है।
यूपी में भी वायरस से मुकाबले के लिए अस्पतालों में तैयारियां चल रही हैं। ओपीडी से लेकर मरीजों की भर्ती तक में सतर्कता बढ़ा दी है। जांच की संख्या में भी इजाफा किया गया है। रोजाना 1000 से 1200 लोगों की जांच कराई जा रही है। चार लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पीजीआई की डॉ. अमिता जैन के मुताबिक नमूनों में वायरल लोड जांच के मानक के अनुसार नहीं मिल रहा है। इस वजह से जीनोम सीक्वेंसिंग जांच में अड़चन आ रही है। डिप्टी सीएमओ डॉ. निशांत निर्वाण ने बताया कि नमूनों में वायरल लोड कम होने से जीनोम सीक्वेंसिंग कठिन हो रही है। पर, वायरस को लेकर बहुत लापरवाही बरतने की जरूरत नहीं है। यह गंभीर रूप भी ले सकता है।
देश में एक्सबीबी.1.5 स्वरूप के 5 मामले मिले
भारतीय सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ (इन्साकॉग) के आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के एक्सबीबी.1.5 स्वरूप के पांच संक्रमित मरीज मिले हैं। कोरोना वायरस का यही स्वरूप अमेरिका में संक्रमण के मामले बढ़ने के लिए जिम्मेदार है। इन पांच मामलों में से तीन मामले गुजरात में और एक-एक कर्नाटक तथा राजस्थान में सामने आए हैं।
दो से तीन दिन में ठीक हो रहे संक्रमित
डॉ. निशांत के मुताबिक कोरोना संक्रमितों में सर्दी-जुकाम व बुखार के मामूली लक्षण ही नजर आ रहे हैं। जो दो से तीन दिन में ठीक हो रहे हैं। मौजूदा समय में राजधानी लखनऊ में कोरोना के तीन सकिय मरीज हैं। तीनों होम आइसोलेशन में हैं। संक्रमितों की सेहत में तेजी से सुधार आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमितों की सेहत की निगरानी कर रही है।