य़ूपी में कोरोना की फिर दस्तकः इस जिले में तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव, तीनों को किया गया क्वारंटीन
सोनभद्र में दक्षिण कोरियाई नागरिक समेत तीन लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि से हड़कंप मचा है। तीनों को क्वारंटीन कर दिया गया है। इससे पहले यहां कोरोना का केस 15 नवंबर को मिला था।
कानपुर में एच3 एन2 वायरस की दस्तक के बाद यूपी में कोरोना के मामले भी आ गए हैं। सोनभद्र में दक्षिण कोरियाई नागरिक समेत तीन लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि से हड़कंप मचा है। तीनों को क्वारंटीन कर दिया गया है। इससे पहले यहां कोरोना का केस 15 नवंबर को मिला था। इससे पहले कानपुर में रविवार को इन्फ्लूएंजा-ए के सब टाइप एच3एन2 वायरस के हमले जैसे लक्षण वाले 14 मरीज हैलट इमरजेंसी में भर्ती कराए गए हैं। इनमें बुखार-खांसी और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी संक्रमण पाया गया है। डायग्नोसिस में एच3एन2 वायरस के लक्षणों पर डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को मास्क लगाकर इलाज करने की सलाह दी गई है।
सोनभद्र में ओबरा में निर्माणाधीन ओबरा-सी परियोजना का काम दक्षिण कोरिया की कंपनी दुसान पावर करा रही है। कंपनी के कुछ कर्मचारियों में कोरोना के लक्षण मिलने पर रविवार को सैंपल लिया गया था। सोमवार को आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में कंपनी के तीन कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक सप्ताह पूर्व दक्षिण कोरिया का नागरिक यहां आया था। उसमें कोरोना की पुष्टि हुई है। उसके संपर्क में आने वाले दो अन्य कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। जिले में करीब साढ़े तीन माह बाद कोरोना के एक साथ तीन नये मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। प्रभारी सीएमओ डा.आरजी यादव ने बताया कि तीन नए कोरोना के केस मिले हैं।
कानपुर में कई दिनों के बाद बुखार और सांस लेने में मुश्किल को ही इसी का प्रकोप बताया जा रहा है। हैलट इमरजेंसी में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ.जेएस कुशवाहा की इमरजेंसी में रविवार दोपहर को 14 रोगियों को भर्ती किया गया। इनमें सात ऐसे युवक हैं, जिन्हें बुखार-खांसी के साथ सांस लेने में दिक्कत है। डॉ. कुशवाहा के मुताबिक दो मरीजों में ऑक्सीजन लेवल में भी उतार-चढ़ाव है।
सभी मरीज आईसीएमआर की गाइड लाइन और चेतावनी के बाद एच3एन2 वायरस से ग्रसित ही डायग्नोस हुए हैं। तीन की हालत चिंताजनक है। इसलिए उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट भी दिया गया है। रात तक आईसीयू में शिफ्ट करने की तैयारी है।
इन्फ्लूएंजा का प्रकार है एच3एन2
इन्फ्लूएंजा ए, बी और सी मनुष्यों में फैलता है। हालांकि इन्फ्लूएंजा ए-बी हर साल मौसमी महामारी के तौर पर फैलता है। अब इन्फ्लूएंजा ए वायरस दो प्रोटीनों के आधार पर दो अलग उपप्रकारों में विभाजित होता है। यह दो प्रोटीन हैं। हेमाग्लगुटिनिन और न्यूरोमिनिडेस के 18 अलग-अलग उपप्रकार हैं, जिन्हें एच 1से 8 तक क्रमांकित किया गया है। एनए के 11 अलग उपप्रकार हैं, जिन्हें एन1 से 11 तक क्रमांकित किया गया है।
ये होते हैं लक्षण
सबसे पहली बार एच3एन2 वायरस इंसानों में वर्ष 1968 में पाया गया। इसके कारण होने वाले फ्लू के लक्षण अन्य मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाले लक्षणों के समान हैं। डॉ. अर्जुन डांग के मुताबिक एच3एन2 वायरस के एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा ए है।
यह फ्लू संक्रामक श्वसन वायरस है, जो नाक-गले, ऊपरी श्वसन पथ और कुछ मामलों में फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। ये वायरस बदलते मौसम में इन्फ्लूएंजा की मौसमी महामारी का कारण हैं। इसमें खांसी, नाक बहना, गला सूखना, सिर दर्द, शरीर में दर्द, बुखार, सर्दी लगना, डायरिया होने की शिकायत हो सकती है।
- इस फ्लू के कुछ लक्षण अन्य बीमारियों के समान ही हैं। जैसे सर्दी-जुकाम होना। इसलिए केवल लक्षण देखकर पता लगा पाना मुश्किल है कि रोगी एच3 एन2 वायरस के कारण पीड़ित है।
- 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों, पांच साल से छोटे बच्चों और गर्भवती को एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले फ्लू का जोखिम ज्यादा होता है। जो लोग अस्थमा, डायबिटीज और हृदय रोग से पीड़ित हैं या जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है, वह भी इससे जल्दी संक्रमित हो सकते हैं।
मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा के अनुसार हैलट इमरजेंसी में 14 मरीजों को भर्ती किया गया है, जिनमें एच3 एन2 वायरस के हमले के लक्षण मिले हैं। आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार्र इन मरीजों का इलाज शुरू किया गया है। अधिकांश में सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है।