यूपी: प्रेग्नेंसी में कोरोना, इलाज से पीछा छुड़ा रहे डॉक्टर, अस्पतालों में भर्ती को लेकर शुरू हुई जद्दोजहद
लखनऊ के आसपास स्थित दूसरे जिलों के डॉक्टर कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं का प्रसव और अन्य इलाज करने से बच रहे हैं। इन गर्भवतियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर यहां के डॉक्टर भर्ती करने के...
लखनऊ के आसपास स्थित दूसरे जिलों के डॉक्टर कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं का प्रसव और अन्य इलाज करने से बच रहे हैं। इन गर्भवतियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर यहां के डॉक्टर भर्ती करने के बजाय लखनऊ रेफर कर रहे हैं, जबकि इनके यहां प्रसव कराने की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। हर जिले में ऑक्सीजन समेत अन्य जरूरी संसाधन व डॉक्टर मौजूद हैं। दूसरे जिलों से यहां भर्ती 145 संक्रमित मरीजों में से करीब 60 गर्भवती शामिल हैं।
डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह बताते हैं कि हर जिले में लेवल वन और टू के अस्पताल हैं। सभी जगह ऑक्सीजन की सुविधा है। सर्जन व स्त्री रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं। ये महिलाएं प्रसव से पूर्व कोविड जांच ने पॉजिटिव आ जा रही हैं। इसके अलावा इन्हें कोई दूसरी समस्या नहीं है। फिर भी गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने पर उन्हें लखनऊ रेफर कर रहे हैं। राजधानी के कोविड अस्पतालों में 20 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया। प्रसव बाद इनकी और नवजात की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद छुट्टी कर दी गई।
दूसरी लहर की तरह इस बार भी अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। मरीजों को भर्ती कराने में परिजनों को मशक्कत करनी पड़ रही है। मरीज के घर वाले कमांड सेंटर और अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अस्पताल का आवंटन होने में कई घण्टे लग रहे हैं। कोविड अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस में मरीजों को इंतज़ार करना पड़ रहा है। सोमवार को केजीएमयू में एक महिला को भर्ती में कई घंटे लगे।
राजधानी के कोविड अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की संख्या 325 पहुंच गई है। इसमें 180 लखनऊ के अन्य 145 मरीज दूसरे जिलों से रेफर होकर आए हैं। एक हफ्ते में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। डिप्टी सीएमओ एपी सिंह बताते हैं कि भर्ती मरीजों में सबसे ज्यादा गुर्दा, कैंसर, लिवर व दिल की बीमारियों के मरीज हैं। इलाज के दौरान कोरोना जांच में पॉजिटिव आने पर कोविड अस्पताल में शिफ्ट कर इलाज किया जा रहा है।