कोरोना का खौफ : विदेशों से लौटे लोगों के पड़ोसी छोड़ रहे घर
कोरोना की दहशत में विदेशों से लौटे लोगों के पड़ोसी अपना घर छोड़ रहे हैं। ये शहर के दूसरे इलाके या दूसरे शहरों में अपने रिश्तेदारों के यहां जा रहे हैं। जाजमऊ और स्वरूप नगर इलाके में सबसे अधिक हलचल है।...
कोरोना की दहशत में विदेशों से लौटे लोगों के पड़ोसी अपना घर छोड़ रहे हैं। ये शहर के दूसरे इलाके या दूसरे शहरों में अपने रिश्तेदारों के यहां जा रहे हैं। जाजमऊ और स्वरूप नगर इलाके में सबसे अधिक हलचल है। इस बीच, संक्रामक रोग अस्पताल पहुंचे जाजमऊ के परिवार ने जांच कराने की बात कही। बताया कि पड़ोसी कतर और जर्मनी से लौटे हैं।
दरअसल, सबसे अधिक समस्या उन लोगों को हो रही है जो घर में ही क्वारेंटाइन (निगरानी) समय काट रहे हैं। उनके घर से नहीं निकलने और लोगों से दूर रहने पर लोग शक करते हैं। कुछ तो 28 दिनों से अपने घर में कैद चल रहे हैं तो कुछ 14 दिन का क्वारेंटाइन समय बिता रहे हैं। इस पर पड़ोसियों में डर समा गया है। इसी तरह जिनके नमूने जांच के लिए लिए जा रहे हैं, उनके पड़ोसी भी अधिक परेशान हैं।
सीएमओ कंट्रोल रूम के कर्मचारियों के मुताबिक, कई ऐसे लोग पूछ रहे हैं कि उनके पड़ोस में विदेश से आए लोग हैं, ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए? स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इतने खौफ में रहने की जरूरत नहीं है। सिर्फ एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है। लोगों से सिर्फ एक मीटर की दूरी बनाएं। यही काफी है। सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला का कहना है कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है। डरने की जरूरत नहीं है। कुछ ही देश इससे प्रभावित हैं। अब कुछ ही लोग निगरानी में बचे हैं।
आइसोलेशन वार्ड में दो युवकों के भर्ती होने पर हंगामा
संक्रामक रोग अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इटली से आए एक युवक को भर्ती करने पर यहां भर्ती दूसरे युवक ने हंगामा खड़ा कर दिया। युवक का आरोप था कि उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव है। साथ में भर्ती मरीज का जांच नमूना पॉजिटिव आया तो उसे भी बीमारी हो जाएगी। दूसरे युवक को 14 दिन की निगरानी में रखा गया है।
इंग्लैंड से आई युवती ने खुद को घर में अलग किया
इंग्लैंड से आई एक डॉक्टर की बेटी ने अपने घर में खुद को सबसे अलग कर लिया है। वह अपने कमरे में आइसोलेट है। हालांकि उसमें किसी तरह के लक्षण नहीं हैं। उसकी जांच का नमूना भी नहीं लिया गया है।