गोपनीय रिपोर्ट से 5 आईपीएस अधिकारियों पर जांच का घेरा, जानें लगे हैं क्या आरोप
गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी ने पांच आईपीएस व एक पीसीएस अधिकारी, कुछ नेताओं तथा मुख्य सचिव के कार्यालय में तैनात अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी पर आरोप लगाते हुए एक गोपनीय रिपोर्ट शासन को भेजी गई...
गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी ने पांच आईपीएस व एक पीसीएस अधिकारी, कुछ नेताओं तथा मुख्य सचिव के कार्यालय में तैनात अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी पर आरोप लगाते हुए एक गोपनीय रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। इसमें आरोपी बनाए गए पांचों आईपीएस अधिकारी भी सामने आ गए हैं और उन्होंने हिन्दुस्तान से बातचीत में अपना पक्ष रखा।
यह गोपनीय रिपोर्ट उस दिन सार्वजनिक हुई, जिस दिन गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके सामने आने के समय को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इसको लेकर प्रदेश के आला अधिकारियों को शुक्रवार को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा। वहीं, विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बनाकर बयानबाजी शुरू कर दी है।
गोपनीय रिपोर्ट में इन पर ये हैं आरोप
अजयपाल शर्मा (आईपीएस) वर्तमान में एसएसपी रामपुर और गौतमबुद्ध नगर के पूर्व एसएसपी।
आरोप : 23 अगस्त को नोएडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों से संबंध। उनके साथ अनेक व्हाट्सएप चैट और ऑडियो रिकार्डिंग मिली, मेरठ एसएसपी पद पर तैनाती के लिए 80 लाख रुपये में सौदा किया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नोएडा पुलिस के पहुंचने से पहले ही उन्हें वहां से फरार होने के लिए कहना। कवि नगर थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई युवती का मोबाइल, अन्य आरोपियों को सुपुर्दगी में लेने और उसका डाटा डिलीट करने के निर्देश दिए। 19 अगस्त को एक युवती के विरुद्व एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने के लिए एक युवक को इंदिरापुरम भेजना। इस युवती ने भी अजय पाल पर आरोप लगाये थे।
अजय पाल शर्मा का पक्ष : मैं एक अनुशासित अधिकारी हूं। गौतमबुद्ध नगर एसएसपी मेरे वरिष्ठ हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। जहां तक आरोपों का सवाल है, वह मुझे अभी तक विधिवत रूप से नहीं मिले हैं, न ही अभी तक किसी ने मुझसे इस संबंध में कुछ पूछा है। जब मुझसे कुछ पूछा जाएगा तो मैं जवाब दूंगा। इस पूरे मामले को शासन देख रहा है और शासन ही इस प्रकरण में बयान जारी करेगा।
सुधीर सिंह (आईपीएस) वर्तमान में गाजियाबाद एसएसपी के पद पर तैनात।
आरोप: अभियुक्त चंदन राय के साथ मोबाइल चैटिंग, एक इंस्पेक्टर को सिहानी गेट और विजय नगर का चार्ज देने के संबंध में चैटिंग, आरोपी को मिलने के लिए
बुलाने के संबंध में चैटिंग
सुधीर सिंह का पक्ष : इस संबंध में मुझे कुछ नहीं कहना है, इसकी जांच चल रही है। डीजीपी इस मामले में काफी कुछ कह चुके हैं। सारा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है।
गणेश साहा (आईपीएस) पुलिस अधीक्षक बांदा
आरोप: चंदन राय के साथ व्हाट्सएप चैट में गाड़ियां निकलवाने और उसकी एवज में पेमेंट आने का आरोप लगाना। एकाउंट डिटेल लेना, एसपी बांदा द्वारा कहना कि वह अपने इंस्पेक्टर को भेजकर सारी बात करा लेंगे, काम शुरू कराएं।
गणेश साहा का पक्ष : सर्विस रूल में है कि बयानबाजी से बचें। इन आरोपों के संबंध में क्या कहना, जो आरोप लगाए गए हैं, उन आरोपों की जांच चल रही है, जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
राजीव नारायण मिश्र (आईपीएस)
आरोप : गिरफ्तार अभियुक्त नितीश पांडेय के साथ उनकी चैट दागदार छवि वाले पुलिस कर्मियों के संबंध में अर्द्वशासकीय पत्र लिखवाना
पक्ष : मुझे इन आरोपों के संबंध में अन्य लोगों से कुछ जानकारी मिली है, यह सब गलत है। पूरे मामले को शासन स्तर से देखा जा रहा है और शासन ही इस मामले में अब बयान दे सकता है।
हिमांशु (आईपीएस) पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर
आरोप : आरोपी अतुल शुक्ला व चंदन राय के साथ चैट व रिकार्डिंग में बिजनौर के लिए 30 लाख, बरेली के लिए 40 लाख, आगरा के लिए 50 लाख देने की बात। इसके अलावा बुलंदशहर, बागपत, शामली में पोस्टिंग कराने के लिए चैट और वार्ता करना।
पक्ष : इस मामले में मैं कुछ वर्जन नहीं देना चाहता। इस प्रकरण में उच्चाधिकारी जांच कर रहे हैं और वह ही कार्रवाई करेंगे। किसी ने क्या आरोप लगाए और क्या नहीं, उसके संबंध में कुछ नहीं कहना।
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