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CM योगी आज मिर्जापुर में विंध्य कारिडोर का करेंगे निरीक्षण, मां विंध्यवासिनी दर्शन-पूजन करेंगे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मिर्जापुर दौरे पर रहेंगे। इस दौरान सीएम विंध्यधाम कॉरिडोर का निरीक्षण करेंगे। मिर्जापुर के दौरे पर योगी आदित्यनाथ शनिवार को आएंगे। सीएम दोपहर 2.10 बजे पहुंचेंगे।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, मिर्जापुरSat, 24 Sep 2022 09:10 AM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मिर्जापुर दौरे पर रहेंगे। इस दौरान सीएम विंध्यधाम कॉरिडोर का निरीक्षण करेंगे। मिर्जापुर के दौरे पर योगी आदित्यनाथ शनिवार को आएंगे। प्रोटोकॉल के अनुसार सीएम दोपहर 2.10 बजे पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पहुंचेंगे। सीएम सबसे पहले 2.20 बजे मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद विंध्य कारिडोर के कार्यों का निरीक्षण करेंगे। दोपहर तीन बजे सीएम आयुक्त सभागार में अफसरों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इसके बाद 3.50 पर प्रयागराज के लिए रवाना हो जाएंगे।

विंध्याचल में नवरात्र मेला की तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं। मेला शुरू होने से एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर में मत्था टेकेंगे। आज सीएम मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करेंगे। फिर मंदिर परिसर में मौजूद अन्य विग्रहों का भी दर्शन करेंगे। विंध्य कॉरिडोर को लेकर चल रहे कार्य का निरीक्षण करेंगे। वे अष्टभुजा व कालीखोह भी जा सकते हैं। फिर पथरहिया स्थित आयुक्त कार्यालय में बैठक कर विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। बैठक के बाद वापस लौट जाएंगे। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर पूरे दिन तैयारी चलती रही। जहां मंदिर के पास अधूरे निर्माण कार्यों को टीन शेड व पर्दे से ढंका गया।

विंध्य कॉरिडोर परियोजना पर काम तेजी से जारी है, जो वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना की तर्ज पर आगंतुकों की आमद को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बनाया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1 अगस्त 2021 को विंध्य कॉरिडोर परियोजना की आधारशिला रखी थी। 

331 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से आने वाले इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है जो मुख्य रूप से देश के विभिन्न हिस्सों से यहां के श्रद्धेय शक्ति पीठ के आगंतुकों पर निर्भर है। इस क्षेत्र के लोग लंबे समय से कुछ उद्योगों की स्थापना की मांग कर रहे थे, खासकर 1989 के बाद जब सोनभद्र जिले को मिर्जापुर से अलग कर दिया गया था और क्षेत्र के सभी प्रमुख उद्योग नए जिले में चले गए थे।

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