बाढ़ कार्यों में लापरवाही पर सीएम योगी का एक्शन, पांच जिलों के दस अफसरों से जवाब तलब, बड़ी कार्रवाई की तैयारी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही और खराब हुईं फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सख्त हो गए हैं। इन पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही और खराब हुईं फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिलों के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों से स्पष्टीकरण तलब किया है। इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। बताया जा रहा है कि अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो सीएम योगी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम से कम किया जा सके।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण सौंपने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
राहत आयुक्त ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम एफआर राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम एफआर त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम एफआर सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गयी है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम एफआर नितीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम एफआर देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पियुष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गयी है।
संतोषजनक जवाब न मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई
राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।