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सीएम योगी ने की महानिशा पूजा, गोरखनाथ मंदिर में अगले तीन दिन होंगे ये अनुष्‍ठान

सीएम योगी आदित्‍यनाथ रविवार को दोपहर बाद गोरखपुर पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर में उन्‍होंने महानिशा पूजा और हवन किया। अगले तीन दिन यानी विजयदशमी तक गोरक्षपीठ में कई धार्मिक अनुष्‍ठान होंगे।

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान, गोरखपुरSun, 2 Oct 2022 03:10 PM
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मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने रविवार की रात गोरक्षपीठ के शक्ति मंदिर में पूरे विधि विधान से विशिष्ट महानिशा पूजा का अनुष्ठान पूरा कर लोक कल्याण की मंगलकामना की। शारदीय नवरात्र पर्व की नवमी तिथि पर कन्या पूजन और दशमी तिथि पर गोरक्षपीठ से निकलने वाले परंपरागत विजय शोभायात्रा सहित अगले तीन दिन तक चलने वाले विभिन्‍न अनुष्‍ठानों में बतौर गोरक्षपीठाधीश्‍वर शामिल रहेंगे। 

कानपुर हादसे के पीड़ित परिवारों और घायलों से मिलने के बाद सीएम योगी रविवार दोपहर बाद गोरखपुर पहुंचे। रात को बतौर गोरक्षपीठाधीश्‍वर उन्‍होंने यहां शक्ति मंदिर में महानिशा पूजा और हवन किया। महानिशा पूजा से पहले सप्तमी तिथि के मान में मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की सुबह और शाम के सत्र में विधि विधान से पूजा हुई। सुबह के सत्र में पूजन, अनुष्ठान गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने किया। 

महानिशा पूजा का अनुष्ठान रविवार रात गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू हुआ। दो घंटे से अधिक चले अनुष्ठान में गोरक्षपीठाधीश्वर ने गौरी गणेश पूजन, वरुण पूजन, पीठ पूजन, यंत्र पूजन, मां दुर्गा का विधिवत् पूजन, भगवान राम-लक्ष्मण-सीता का षोडशोपचार पूजन, भगवान कृष्ण और गोमाता का पूजन, नवग्रह पूजन, विल्व अधिष्ठात्री देवता पूजन, शस्त्र पूजन, द्वादस ज्योर्तिलिंग-अर्द्धनारीश्वर, शिव-शक्ति पूजन, वटुक भैरव, काल भैरव और त्रिशूल पर्वत पूजन किया। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेदी पर उगे जौ के पौधे को वैदिक मंत्रों के बीच काटा। नारियल, गन्ना, केला, जायफल आदि की सात्विक पंच बलि दी। हवन की वेदी पर ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र और अग्नि देवता का आह्वान कर पूजन किया। इसके बाद लोक मंगल की कामना के साथ हवन किया। पूरा अनुष्ठान दुर्गा सप्तशती के पाठ और वैदिक मंत्रों के साथ सम्पन्न हुआ।

आरती और क्षमा याचना के बाद प्रसाद वितरण किया गया। हवन, पूजन और पाठ का पूरा कार्यक्रम आचार्य अश्वनी त्रिपाठी की अगुवाई में श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के आचार्यों और वेदपाठी छात्रों ने सम्पन्न कराया।

मंदिर में होने वाले अनुष्ठान

02 अक्तूबर रविवार को निशा पूजन, शस्त्र पूजन और हवन

03 अक्तूबर सोमवार को महाष्टमी का व्रत

04 अक्तूबर मंगलवार को महानवमी व्रत

सुबह 8.21 बजे श्रीनाथ जी का विशिष्ठ पूजन, देव विक्रम का पूजन

पूर्वाह्न 11 बजे कुमारी कन्या पूजन और कन्या भोज

अपराह्न 1 बजे 3 बजे तक गोरक्षपीठाधीश्वर का तिलकोत्सव

शाम 4 बजे से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा, मानसरोवर मंदिर पूजन, रामलीला में राजा रामचंद्र का तिलक

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