लखनऊ को बनाया चेन्नई के तस्करों ने नया ठिकाना, एयरपोर्ट पर अधिकारियों से साठगांठ तो नहीं?
लखनऊ को चेन्नई के तस्करों ने नया ठिकाना बनाया। डीआरआई ने कस्टम की हिरासत से भागे तस्करों का रिकार्ड खंगाले तो पता चला कि पहले चेन्नई में पकड़े गए तस्कर अब लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने लगे।
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट को चेन्नई के सोना-सिगरेट तस्करों ने जैसे अपना होम ग्राउंड बना लिया। डीआरआई ने कस्टम की हिरासत से भागे तस्करों का रिकार्ड खंगाले तो पता चला कि पहले चेन्नई में पकड़े गए तस्कर अब लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने लगे। लखनऊ में पकड़े गए 36 तस्करों में कई तमिलनाडु के रहने वाले हैं। लखनऊ एयरपोर्ट पर मंगलवार डीआरआई ने 36 तस्करों को पकड़कर कस्टम के हवाले किया था। कस्टम की कस्टडी से 29 तस्कर भाग निकले थे। इसके बाद मुख्यालय ने बड़े स्तर पर जांच शुरू करा दी।
यह पता लगाने के आदेश दिए कि तस्करों की चेन कहां तक है। दुबई, शारजाह, आबूधावी से आने वाली खेप कौन भेजता है और किसके पास पहुंचती है। तस्कर किसके लिए काम करते हैं। इन्हीं की जांच में लगी डीआरआई ने जब दो दिन में पकड़े 61 तस्करों की कुंडली खंगाली तो पता चला कि इनमें तो ज्यादातर तमिलनाडु के रहने वाले हैं। कुछ पहले चेन्नई एयरपोर्ट पर ऐसी ही वारदातों में पकड़े जा चुके हैं। जब इनकी निगरानी तेज की गई तो लखनऊ को नया अड्डा बना लिया। डीआरआई सूत्रों के अनुसार इसकी दो वजहें हो सकती हैं। पहला लखनऊ एयरपोर्ट पर निगरानी सिस्टम और सुरक्षा घेरा कमजोर होना तथा दूसरा कस्टम विभाग के कुछ कर्मचारियों, अधिकारियों से तस्करों की साठगांठ। इन दोनों पहलुओं की जांच की जा रही है।
करोड़ों के असलहों संग पकड़े गए थे शूटर
लखनऊ एयरपोर्ट पर वर्ष 2020 में निशानेबाजी के राष्ट्रीय स्तर के दो शूटर करोड़ों के असलहों के साथ पकड़े गए थे। ये शूटर इन हथियारों को लाने के लिए वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए थे। जांच में यह भी पता चला कि शूटरों का लखनऊ से कोई वास्ता नहीं था। बावजूद इसके इन दोनों ने लखनऊ की उड़ान पकड़ी। चौंकाने वाली बात यह थी कि इसके पूर्व भी दोनों लखनऊ एयरपोर्ट पर उतर चुके थे।
तस्करों की तलाश में पुलिस रामपुर पहुंची
केन्द्रीय एजेंसियों के अलावा लखनऊ पुलिस की एक टीम ने भी रामपुर के टांडा में डेरा डाल दिया है। लखनऊ से फरार हुए 29 तस्करों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। कस्टम ने भी अपनी एक टीम रामपुर के टांडा भेजी है लेकिन कुछ पता नहीं चला। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने भी अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है।
एक साल में पकड़ा गया 45 किलो सोना
कस्टम के मुस्तैद और तेज तर्रार अफसरों की सतर्कता से करीब 45 किलो सोना एक साल में पकड़ा गया है। इससे यह भी पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में तस्कर विदेश से लखनऊ का रुख कर रहे हैं।
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