चाट वाले ने जीता अखिलेश यादव का दिल, ईमानदारी के मुरीद हो गए सपा अध्यक्ष
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी के लोगों की ईमानदारी के मुरीद हो गए हैं। अखिलेश ने मैनपुरी में एक चाट वाले के यहां चाट खाई और उसे 1000 रुपये दिए लेकिन चाट वाले ने लेने से इनकार कर दिया।
मैनपुरी में एक चाट वाले ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का दिल जीत लिया है। वह उस चाट वाले की ईमानदारी के मुरीद हो गए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश ने मैनपुरी शहर में एक चाट वाले के यहां चाट खाई और उसे एक हजार रुपये दिए लेकिन चाट वाले ने वह रुपये लेने से इंकार कर दिया। चाट वाले ने सिर्फ चाट के रुपये ही लिए। शुक्रवार को अखिलेश ने चाट वाले की ईमानदारी को सराहा और कहा कि मैनपुरी में डिंपल के पक्ष में निष्पक्ष होकर जो मतदान किया वह सपा को नई ऊर्जा दे गया है।
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बातचीत के दौरान कहा कि मैनपुरी के लोकसभा उपचुनाव में नेताजी को हर वर्ग ने श्रद्धांजलि दी। लोगों ने जाति-धर्म और दलों की आस्थाओं को दरकिनार किया और नेताजी से जुड़े अपने पुराने रिश्तों को ताजा करते हुए वोट डाले। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा था कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत होगी। वे जहां भी चुनाव प्रचार में जा रहे थे, वहां से उन्हें जो समर्थन मिल रहा था, उससे उन्हें लगा कि वाकई मैनपुरी में नेताजी ने लोगों के साथ ईमानदार रिश्ते जोड़े। लोग नेताजी से बेहद नजदीक से जुड़े थे। यही वजह रही कि सरकार ने चुनाव लड़ा और जनता ने जनादेश डिंपल यादव को दिया।
सैनिक स्कूल का सरकार ने बजट रोका
अखिलेश यादव ने मैनपुरी के विकास को रोके जाने पर तल्खी जाहिर की। कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज, सैनिक स्कूल मैनपुरी को दिया गया। यहां की सड़कें बेहतर बनाई गईं। बिजली की बहुत अच्छी व्यवस्था सपा सरकार में थी। विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए गए। सरकार ने कन्या विद्या धन, बेरोजगारी भत्ता भी दिया लेकिन सभी योजनाओं को रोक दिया गया। विशेष रूप से मैनपुरी का बजट रोका गया।
2024 में और ताकत से लड़ेंगे
अखिलेश ने फिर से कहा कि मैनपुरी की जनता ने उन्हें जो प्यार, सम्मान दिया है उसके लिए वे हमेशा आभारी रहेंगे। मैनपुरी के लोगों के सुखदुख में हमेशा साथ रहेंगे। हर जाति-धर्म ने जो सहयोग दिया, उसके लिए वे मैनपुरी की नई सांसद डिंपल यादव आभारी हैं। मैनपुरी ने उन्हें, उनकी पार्टी, उनके कार्यकर्ताओं को जो ऊर्जा दी है, 2024 के चुनाव में वे और ताकत से लड़ेंगे।