जल निगम के दो रिटायर अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा, जानें पूरा मामला
उत्तर प्रदेश जल निगम के दो रिटायर अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें एक सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता सुशील कुमार वर्मा और दूसरे सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता जेपी मणि हैं।
उत्तर प्रदेश जल निगम की कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) के दो सेवानिवृत्त अभियंताओं के विरुद्ध आय से संपत्ति अर्जित करने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें एक सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता सुशील कुमार वर्मा और दूसरे सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता जेपी मणि हैं।
उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने लखनऊ सेक्टर थाने में यह मुकदमा गुरुवार को देर शाम को दर्ज किया। दोनों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत अलग-अलग मुकदमा दर्ज किया गया है। शासन के सतर्कता विभाग ने नौ जुलाई 2019 को सीएंडडीएस के तत्कालीन मुख्य अभियंता सुशील कुमार वर्मा के विरुद्ध खुली जांच के आदेश विजिलेंस को दिए थे। विजिलेंस की जांच में पता चला कि वर्मा ने जांच के लिए निर्धारित अवधि में अपनी आय के सभी ज्ञात व वैध स्रोतों से कुल 1 करोड़ 36 लाख 57 हजार 448 रुपये की आय अर्जित की।
इसके विपरीत इसी अवधि में उन्होंने परिसंपत्तियों की खरीद और अपने परिवार के भरण-पोषण में 3 करोड़ 98 लाख 86 हजार 394 रुपये खर्च किया। इस तरह उन्होंने 2 करोड़ 62 लाख 28 हजार 946 रुपये अधिक व्यय किया, जो भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आपराधिक दुराचरण और दंडनीय अपराध है।
इसी तरह शासन के सतर्कता विभाग ने विजिलेंस को 12 जून 2020 को तत्कालीन अधीक्षण अभियंता जेपी मणि के विरुद्ध खुली जांच के आदेश दिए थे। खुली जांच में पता चला कि जेपी मणि ने जांच के लिए निधारित अवधि में अपनी आय के सभी ज्ञात व वैध स्रोतों से कुल 1 करोड़ 37 लाख 82 हजार 197 रुपये की आय अर्जित की। इसके विपरीत इसी अवधि में उन्होंने परिसंपत्तियों की खरीद और अपने परिवार के भरण-पोषण में 5 करोड़ 84 लाख 15 हजार 630 रुपये खर्च किया। इस तरह उन्होंने 4 करोड़ 46 लाख 33हजार 433 रुपये अधिक व्यय किया, जो भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आपराधिक दुराचरण और दंडनीय अपराध है।