Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Came to Lucknow PGI after mortgaging the land for treatment of an innocent child found dead

जमीन गिरवी रख कर लखनऊ पीजीआई आए थे मासूम का कराने इलाज, मिली मौत

जमीन गिरवी रख कर जिस मासूम का कराने इलाज लखनऊ पीजीआई आए थे उसकी हादसे में जान चली गई। परिवार को उम्मीद थी कि उनका बच्चा ठीक हो जाएगा लेकिन हादसे में जान ले ली।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 20 Dec 2023 01:55 PM
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संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के ऑपरेशन थिएटर में सोमवार को भीषण आग लगने से जिस 25 दिन के मासूम की मौत हो गई, उसके इलाज के लिए उसके परिवार वालों ने अपनी जमीन तक गिरवी रख दी। परिवार वालों की मानें तो बच्चे के दिल में छेद था। उसे पीजीआई लाए थे कि ठीक से इलाज हो सके। जमीन गिरवी पैसे मिले थे और आयुष्मान योजना के तहत पैसे आ गए थे। ऐसे में परिवार को उम्मीद थी कि उनका बच्चा ठीक हो जाएगा लेकिन हादसे में जान ले ली। आरोप है कि पीजीआई प्रशासन ने घटना के 24 घंटे बाद मासूम का शव सौंपा। 

एरसजीपीजीआई के पुराने ओटी कॉम्पलेक्स में पहले 17 ओटी चलती थी। अब केवल तीन ओटी चलती हैं। इंडोग्राइन सर्जरी विभाग की ओटी में सोमवार को पीलीभीत निवासी तयबा (26) और दूसरी ओटी में गाजीपुर निवासी नेहा 25 दिन के बच्चे की हार्ट सर्जरी चल रही थी। दोपहर करीब 12:40 बजे मॉनिटर में चिंगारी निकलने से आग लग गई। जब तक मौजूद कर्मचारी कुछ समझ पाते, ओटी में तेज धमाके होने लगे। देखते-देखते कुछ ही मिनट में आग कमरे में फैल गई। जान बचाने के लिए डॉक्टर-कर्मचारी मरीज को ओटी में ही छोड़कर भाग निकले। एनीस्थीसिया डोज की वजह से दोनों मरीज बेहोश थे। आग के चलते महिला की ओटी में ही झुलसकर मौत हो गई, जबकि बच्चे को जैसे-तैसे निकाल डायलिसिस यूनिट के आईसीयू में पहुंचाया गया, फिर भी जान नहीं बचाई जा सकी। 

25 दिन की बच्ची की मौत के बाद सहमे पिता बृजभूषण ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद उन्होंने बेटे का शव मांगा तो पीजीआई प्रशासन का कहना था कि मीडिया के लोग हैं, इसलिए अभी शव नहीं दे सकते। इसके बाद परिवार वालों ने ठंड में फुटपाथ पर रात बिताई। मंगलवार दोपहर पुलिस पहुंची। करीब तीन बजे पीजीआई प्रशासन ने बच्चे का शव दिया। 

घटना की उच्चस्तरीय जांच होगी

निदेशक डॉ. आरके धीमन का कहना है कि ओटी में मॉनीटर की स्पार्क से आग लगी थी। कुछ ही देर में आग वर्क स्टेशन और ओटी में फैल गई। फायर सिस्टम सक्रिय किया गया। मरीजों को पोस्ट क्रिएटिव यूनिट में शिफ्ट कराया गया। ओटी में सर्जरी के लिए ले जाई गई महिला को नहीं बचाया गया। बच्चे को बचाने की नाकाम कोशिश हुई। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं

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