Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Board exam without paper leak for first time 30 years more than four lakh students 10th and 12th left exam

30 साल में पहली बार बिना पेपरलीक हुई बोर्ड परीक्षा, 10वीं और 12वीं के चार लाख से ज्यादा छात्रों ने छोड़ा एग्जाम

तीस सालों में ऐसा पहली बार हुआ कि परीक्षा केंद्रों से पेपरलीक, रांग ओपनिंग या सामूहिक नकल की एक भी शिकायत नहीं मिली। यही कारण था कि इस साल परीक्षा समाप्त होने के बाद पुनर्परीक्षा नहीं करानी पड़ी।

Dinesh Rathour प्रमुख संवाददाता, प्रयागराजSat, 4 March 2023 11:10 PM
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यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शनिवार को नकलविहीन और सकुशल संपन्न हो गई। तीस सालों में ऐसा पहली बार हुआ कि परीक्षा केंद्रों से पेपरलीक, रांग ओपनिंग या सामूहिक नकल की एक भी शिकायत नहीं मिली। यही कारण था कि बोर्ड को इस साल परीक्षा समाप्त होने के बाद पुनर्परीक्षा नहीं करानी पड़ी। पेपरलीक न होने का मुख्य कारण देररात तक परीक्षा केंद्रों में बने स्ट्रांग रूमों की छापेमारी करना रहा। बोर्ड और शासन के अफसरों की निगरानी में जिलों में दस्ते बनाकर छापेमारी की गई जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला।

पहली बार प्रश्नपत्रों को चार लेयर वाले मजबूत लिफाफे में रखने के कारण कहीं भी गलत प्रश्नपत्र (रांग ओपनिंग) नहीं खुला। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने शनिवार को मीडिया को बताया कि बोर्ड की सख्ती का असर यह रहा कि 10वीं-12वीं में पंजीकृत 58,85,745 परीक्षार्थियों में से 4,31,571 ने परीक्षा छोड़ दी। नकल का मौका न मिलने के कारण ये परीक्षार्थी भाग खड़े हुए। आधार नंबर के जरिए 133 छद्म परीक्षार्थियों (सॉल्वर) को पकड़ा गया है। 

सभी को जेल भेजा जा चुका है और जिन स्कूलों से ये फर्जी परीक्षार्थी पंजीकृत थे उनकी मान्यता छीनने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शनिवार को अंतिम दिन पहली पाली में व्यवसायिक वर्ग और दूसरी पाली में इंटर रसायन विज्ञान एवं समाजशास्त्र की परीक्षा हुई। इसमें पंजीकृत 21,16,095 परीक्षार्थियों में से 1,81,687 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। पिछले साल 51,92,616 परीक्षार्थियों में से 4,34,404 ने बोर्ड परीक्षा छोड़ी थी।

18 मार्च से मूल्यांकन, जल्द आएगा परिणाम

परीक्षा संपन्न होने के साथ ही बोर्ड ने रिजल्ट की तैयारियां शुरू कर दी है। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 18 मार्च से प्रदेश के सभी जिलों में कुल 257 केंद्रों पर शुरू होगा। कॉपी जांचने के पहले परीक्षकों एवं उपप्रधान परीक्षकों का ऑडियो एवं वीडियो माध्यम से प्रशिक्षण क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर होगा। इस प्रकार से प्रशिक्षण की प्रक्रिया पहली बार अपनाई जा रही है। क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से शिविर लगाकर प्रशिक्षण होंगे। इसकी जिम्मेदारी इन कार्यालयों के अपर सचिवों को दी है। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि परिणाम जल्द आएगा। 

परीक्षा के दौरान मात्र 81 नकलची पकड़े गए

बोर्ड परीक्षा में इस बार नकल पर भी लगाम रही। सामूहिक नकल की सूचना कहीं से नहीं मिली। इस वर्ष 75 जिलों से मात्र 81 नकलची ही पकड़े गए। सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराने से नकल माफिया चालाकी नहीं दिखा पाए। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि केंद्र के बाहर भी निगरानी रखी गई। किसी बाहरी आदमी को केंद्र के अंदर जाने नहीं दिया गया।

दूसरे प्रदेश के परीक्षार्थियों पर भी रही रोक

बोर्ड ने फॉर्म भरवाने में सावधानी बरती। पिछले वर्षों में बाहरी प्रदेशों के परीक्षार्थी बड़ी संख्या में फॉर्म भरते थे। पश्चिम के कुछ जिलों में यह व्यवसाय था। बोर्ड की सख्ती का नतीजा रहा कि इस बार पांच हजार परीक्षार्थी ही बाहरी प्रदेशों के रहे। जबकि पिछले सालों में इनकी संख्या 40 हजार के आसपास होती थी। सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने कहा कि बोर्ड ने परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही दिन से नई व्यूरचना पर काम करना शुरू कर दिया था। उसीका नतीजा रहा कि सबकुछ बेहतर एवं शासन की मंशा अनुरूप निपट गया।

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