यूपी में झटके से उबरने के लिए बीजेपी का प्लान तैयार, ऐसे बढ़ेगी आगे
यूपी में झटके से उबरने के लिए बीजेपी का प्लान तैयार किया है। चुनाव परिणाम न आने से उबरी हताशा को छोड़ नये संकल्पों के साथ आगे बढ़ेगी। 14 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश की सत्ता सौंपने के लिए भाजपा देश-प्रदेश की जनता का आभार जताएगी। पार्टी यूपी में अपेक्षित चुनाव परिणाम न आने से उबरी हताशा को छोड़ नये संकल्पों के साथ आगे बढ़ेगी। यूपी के चहुंमुखी विकास की प्रतिबद्धता के साथ ही पार्टी अपना बिखरा हुआ सामाजिक ताना-बाना फिर से बुनेगी। भाजपा की 14 जुलाई को होने जा रही प्रदेश कार्यसमिति में पेश होने वाले राजनीतिक प्रस्ताव की बानगी कुछ ऐसी ही होगी। इसमें सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे पर आगे बढ़ने की झलक भी दिखेगी। पार्टी इस प्रस्ताव के मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस बैठक का हिस्सा होंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद होने जा रही इस प्रदेश कार्यसमिति बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह बैठक तब हो रही है, जब चुनावी नतीजों से पार्टी में हताशा है। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने हतोत्साहित कार्यकर्ताओं की फौज में उत्साह जगाने की है, जिनके बूते वो तमाम सियासी लक्ष्य हासिल करती आई है। आशियाना स्थित डा. राममनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के डा. अंबेडकर प्रेक्षागृह में होने वाली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश देगी। भाजपा उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के साथ ही विपक्ष के प्रोपेगंडा की पोल खोलने का संकल्प भी लेगी।
समापन सत्र में आ सकते हैं राजनाथ
इस बैठक में भाजपा के प्रदेशभर से करीब तीन हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें प्रदेश पदाधिकारी, यूपी कोटे के राष्ट्रीय पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष, महामंत्री, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, मोर्चों के प्रदेश और क्षेत्र के अध्यक्ष व महामंत्री, सांसद, विधायक, आयोग, निगम, बोर्ड के सदस्य, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष, सहकारिता से जुड़े प्रमुख पदाधिकारी सहित अन्य भाग लेंगे। बैठक के उद्घाटन सत्र को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी संबोधित करेंगे। फिर शोक प्रस्ताव, राजनैतिक प्रस्ताव लाए जाएंगे। संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह सिंह आगामी कार्यक्रमों की योजना रखेंगे। फिर समापन सत्र होगा। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हो सकते हैं।