सलेमपुर में रविन्दर कुशवाहा पर भाजपा ने लगाया तीसरी बार दांव, जातीय समीकरण का मिला फायदा?
तमाम कायासों को दर किनार करते हुए भाजपा ने सलेमपुर में रविन्दर कुशवाहा पर ही तीसरी बार अपना दांव लगा दिया। शनिवार की शाम उनके पार्टी का प्रत्याशी बनने की घोषणा होते ही समर्थकों में खुशी की लहर....
तमाम कायासों को दर किनार करते हुए भाजपा ने सलेमपुर में रविन्दर कुशवाहा पर ही तीसरी बार अपना दांव लगा दिया। शनिवार की शाम उनके पार्टी का प्रत्याशी बनने की घोषणा होते ही समर्थकों में खुशी की लहर छा गई। अन्य दावेदारों पर उनका जातीय समीकरण भारी पड़ा। सलेमपुर की सीट को लेकर सुभासपा ने भी दावा किया था लेकिन भाजपा ने इसे दरकिनार कर दिया। अब रविन्दर के सामने जीत की हैट्रिक बनाने की चुनौती है। वे इससे पहले 2014 और 2019 में कमल खिला चुके हैं। पिता की राजनीतिक विरासत संभाल रहे 61 वर्षीय रविन्दर कुशवाहा इंटरमीडिएट पास हैं। रविन्दर ने अपनी राजनीतिक पारी सपा से शुरू की। 2014 के आम चुनाव में टिकट के प्रबल दावेदार होने के बावजूद सपा ने इनकी जगह हरिवंश सहाय को सलेमपुर से प्रत्याशी बनाया तो ये भाजपा में शामिल हो गए।
राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा ने रविन्दर को मैदान में उतार दिया। भारी मतों के अंतर से जीत का सेहरा अपने सिर बांध पार्टी के विश्वास पर तब ये खरे उतरे और पहली बार यहां कमल खिला। इस चुनाव में इन्हें 3,92,213 मत मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे बसपा के रविशंकर सिंह 1,59, 871 मत ही हासिल कर सके। सपा के हरिवंश सहाय तीसरे और कांग्रेस के डा भोला पाण्डेय चौथे स्थान पर रहे। रविन्दर को इस चुनाव में 2,32, 342 मतों के अंतर से जीत मिली थी।
2019 की तैयारी में जुटी भाजपा ने अपने स्तर से सर्वे कराना शुरू किया तो टिकट को लेकर कयासबाजियों का दौर चलने लगा। टिकट कटने की चर्चाएं भी खूब हुई। बावजूद इसके रविन्दर पार्टी की हर गतिविधियों में पूरी तन्मयता से लगे रहे और अंतत: एक बार फिर से भाजपा का भरोसा जीतने में कामयाब हो गए। इस चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन होने के बावजूद उन्होंने 50 फीसदी से अधिक वोट हासिल कर बसपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को शिकस्त दी। जातीय समीकरणों को देखते हुए गठबंधन की तरफ से बसपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को यहां से उतारा था परन्तु वे भी भाजपा के विजयरथ को नहीं रोक सके। रविन्दर ने उन्हें करीब 1,12,477 मतों से हराया।
छ: फीसदी बढ़त के साथ 2019 में दर्ज की थी जीत
मोदी लहर के बीच 2014 में हुए चुनाव में रविन्दर कुशवाहा सलेमपुर से पहली बार सांसद चुने गए थे तब उन्हें कुल 45.83फीसदी मत मिले थे। उन्होंने अपने मत प्रतिशत में करीब छ: फीसदी की बढ़त दर्ज करते हुए इस बार जीत दर्ज की। दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी आरएस कुशवाहा 38.52%फीसदी (354764) मत ही हासिल कर सके। इन दोनों प्रत्याशियों के अलावा कांग्रेस के राजेश मिश्र समेत सभी 13 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।
2019 का चुनाव परिणाम
- रविन्दर कुशवाहा भाजपा: 467241---50.73%
- आरएस कुशवाहा बसपा: 354764---38.52%
- राजाराम, सुभासपा: 33520---3.64%
- राजेश मिश्र कांग्रेस: 27288---2.96%
पिता हरिकेवल प्रसाद रह चुके हैं चार बार सांसद
रविंद्र कुशवाहा के पिता हरिकेवल प्रसाद चार बार सलेमपुर के सांसद रह चुके हैं। 1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर ये सलेमपुर के सांसद बने। बाद में जार्ज फर्नाडीस के साथ समता पार्टी में चले गए। एनडीए से हुए गठबंधन में यह सीट समता पार्टी के खाते में गई तो 1998 में तीसरी बार जीत दर्ज की। 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर ये आखिरी बार सलेमपुर के सांसद चुने गए।
सलेमपुर में विधानसभावार मतदाता
विधानसभा मतदाता
1-सलेमपुर 3,39,999
2-भाटपाररानी 3,39,342
3-सिकंदरपुर 3,07,655
4-बेल्थरा 3,65,317
5-बांसडीह 4,09,429
कुल मतदाता---17,61,742
कब कौन रहा सलेमपुर का सांसद
निर्वाचन वर्ष सांसद
1957 विश्वनाथ राय (कांग्रेस)
1962 विश्वनाथ पाण्डेय (कांग्रेस)
1967 विश्वनाथ पाण्डेय (कांग्रेस)
1971 तारकेश्वर पाण्डेय (कांग्रेस)
1977 रामनरेश कुशवाहा (बीएलडी)
1980 रामनगीना मिश्र (कांग्रेस)
1984 रामनगीना मिश्र (कांग्रेस)
1989 हरिकेवल (जनता दल)
1991 हरिकेवल (जनता दल)
1996 हरिवंश सहाय (सपा)
1998 हरिकेवल प्रसाद (एसएपी)
1999 बब्बन राजभर (बसपा)
2004 हरिकेवल प्रसाद (सपा)
2009 रमाशंकर राजभर (बसपा)
2014 रविन्दर कुशवाहा (भाजपा)
2019 रविन्दर कुशवाहा (भाजपा)