बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया के बिगड़े बोल, डिंपल को लेकर अमर्यादित टिप्प्णी पर सपाइयों में उबाल
रोजगार के मुद्दे पर भाजपा सांसद प्रो.रामशंकर कठेरिया द्वारा मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ की गई कथित अमर्यादित टिप्पणी को लेकर सियासी उबाल आ गया है। सपा ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है।
Lok Sabha election 2024: लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच एक-दूसरे को घेरने की होड़ मची है। इसमें कई बार भाषा की मर्यादा भी टूटती नज़र आ रही है। ताजा मामला इटावा से सामने आया है जहां रोजगार को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में भाजपा सांसद और प्रत्याशी प्रो.रामशंकर कठेरिया के बयान पर सियासी उबाल आ गया है। सपा ने रामशंकर कठेरिया पर मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। यही नहीं उनके बयान पर सख्त ऐतराज जताते हुए मामले की शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ से की है। इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग सपा ने की है।
सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया का यह बयान शुक्रवार शाम का बताया जा रहा है। दरअसल, इटावा के भरथना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनसे रोजगार को लेकर एक सवाल किया गया था। सवाल कुछ इस तरह से पूछा गया था- 'डिंपल यादव ने आज एक जनसभा में कहा है कि सांसद जी (रामशंकर कठेरिया) ने कोई रोजगार के अवसर इटावा में उपलब्ध नहीं कराए।' इस पर सांसद रामशंकर कठेरिया की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने कहा ‘वह.....थीं क्या?' , 'उनके पति कहां चले गए थे?', 'मुख्यमंत्री बने रहे तो इटावा में क्यों नहीं रोजगार पैदा किया? शर्म भी नहीं आती है कहने में...। तीन-तीन, चार-चार बार मुख्यमंत्री रहे,...रोजगार नहीं पैदा कर पाए, हमसे रोजगार पूछ रहे हो?'
सांसद के इस बयान पर पलटवार करते हुए सपा ने कहा कि इस तरह महिला प्रतिनिधि के लिए टिप्पणी करना भाजपा प्रत्याशी की बौखलाहट को दिखाता है। जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक अंशुल यादव ने कहा कि जनता भाजपा और उनके सांसद को नकार रही है। वह हार रहे हैं, इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। सांसद की इस टिप्पणी के खिलाफ समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने कहा कि यह सीधे-सीधे आचार संहिता का उल्लंघन है। निर्वाचन आयोग को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। सपा ने इसकी शिकायत कर दी है। उधर, शनिवार को अपने बयान पर सफाई पेश करते हुए सांसद ने कहा कि उनके कहने का आशय यह था कि सैफई परिवार के लोग चार बार मुख्यमंत्री रहे। सपा इतने समय तक सरकार में रही लेकिन तब क्यों रोजगार पर काम नहीं किया गया।
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