कुशीनगर में बीजेपी के सामने पिछला रिकॉर्ड दोहराने की चुनौती, जानें इन 7 सीटों के समीकरण
कुशीनगर में भाजपा के सामने पिछले विधानसभा चुनाव में मिली जीत के रिकॉर्ड को दोहराने की चुनौती बनी हुई है। वर्ष 2017 के चुनाव में जिले के सात विधानसभा सीटों में से पांच सीटें भाजपा और एक सीट उसकी...
कुशीनगर में भाजपा के सामने पिछले विधानसभा चुनाव में मिली जीत के रिकॉर्ड को दोहराने की चुनौती बनी हुई है। वर्ष 2017 के चुनाव में जिले के सात विधानसभा सीटों में से पांच सीटें भाजपा और एक सीट उसकी सहयोगी सुभासपा की झोली में गयी थी। जबकि विपक्षी दलों में सिर्फ कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस पार्टी के अजय कुमार लल्लू ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी। इस बार जिले में पांच सीटों पर भाजपा एवं दो सीटों पर उसकी सहयोगी निषाद पार्टी के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों में कुशीनगर से रजनीकांत मणि त्रिपाठी, हाटा से पवन केडिया, पडरौना से स्वामी प्रसाद मौर्य, फाजिलनगर से गंगासिंह कुशवाहा, खड्डा से जटाशंकर त्रिपाठी एवं रामकोला सुरक्षित सीट से भाजपा की सहयोगी पार्टी रही सुभासपा के रामानंद बौद्ध ने जीत हासिल की थी। महज एक सीट तमकुहीराज से भाजपा प्रत्याशी जगदीश मिश्र उर्फ बाल्टी बाबा से कड़े मुकाबले में कांग्रेस-सपा गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अजय कुमार लल्लू ने लगातार दूसरे चुनाव में जीत का परचम लहराया था। अन्य विपक्षी दल सपा और बसपा का जिले में खाता भी नहीं खुल सका था। यहां तक कि कुशीनगर से सपा के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी, हाटा से पूर्व राज्य मंत्री राधेश्याम सिंह एवं फाजिलनगर से विश्वनाथ सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा था।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव का परिदृश्य बिल्कुल बदला बदला हुआ है। भाजपा से पाला बदल कर स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के टिकट पर फाजिलनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि अन्य विधायकों में पार्टी ने सभी का टिकट काटकर नये प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। फाजिलनगर से स्वामी प्रसाद मौर्य सपा से और उनके सामने भाजपा ने विधायक गंगासिंह कुशवाहा के बेटे सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है।
सपा ने भी अपने पुराने दिग्गजों में पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी को देवरिया जिले के पथरदेवा से टिकट दिया है वहीं पूर्व राज्य मंत्री राधेश्याम सिंह की जगह उनके बेटे रणविजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है। सपा के पुराने धुरंधरों में महत पूर्णमासी देहाती इस चुनाव में सपा की सहयोगी पार्टी बनी सुभासपा के टिकट पर रामकोला सुरक्षित सीट से चुनाव मैदान में हैं जबकि अन्य सभी सीटों पर नये चेहरों पर भरोसा जताया है। इस बार एक तरफ जहां भाजपा के लिए पिछले रिकार्ड को दोहराने तो वहीं कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू के सामने भी लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने की चुनौती बनी हुई है।