यूपी के पेट्रोल पंपों पर बिहार कर रहा ‘धनवर्षा’, शराबबंदी है वजह; जानें कैसे?
रेट में अंतर की वजह से कुशीनगर में बिहार बॉर्डर की बहादुरपुर पुलिस चौकी से लेकर पटेरवा तक 2 साल के अंदर 15 नए पेट्रोल पंप खुल चुके हैं। वहीं आधा दर्जन पेट्रोल पंप निर्माणाधीन हैं।
UP-Bihar Petrol Pump: बिहार यूपी के पेट्रोलपंपों पर ‘धनवर्षा’ कर रहा है। वजह शराबबंदी है। यही कारण है कि बिहार सीमा पर धड़ाधड़ पेट्रोल पंप खुलते जा रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि शराब बंदी का पेट्रोल पंपों से क्या वास्ता? दरअसल, कोरोना काल में सभी राज्यों ने डीजल-पेट्रोल पर टैक्स कम कर दिया था। लेकिन बिहार ने ऐसा नहीं किया। बिहार सरकार शराब के राजस्व की भरपाई डीजल-पेट्रोल से कर रही है। यही वजह है कि यूपी के मुकाबले बिहार में पेट्रोल 11.50 रुपये तो डीजल 5.50 रुपये प्रति लीटर तक महंगा है।
रेट में अंतर की वजह से कुशीनगर में बिहार बॉर्डर की बहादुरपुर पुलिस चौकी से लेकर पटेरवा तक दो साल के अंदर 15 पेट्रोल पंप खुल चुके हैं। वहीं आधा दर्जन पेट्रोल पंप निर्माणाधीन हैं। कीमतों में अंतर की वजह से बिहार से यूपी आने वाली गाड़ियों के साथ ही यूपी से बिहार जाने वाली गाड़ियां टंकी फुल कराकर ही जाती हैं।
वहीं दूसरी तरफ बिहार में गोपालगंज जिले में हाईवे के 40 किलोमीटर तक के पेट्रोल पंप की बिक्री 20 से 25 फीसदी पर सीमित रह गई है। बार्डर पर स्थित रिलायंस पेट्रोप पंप पर ट्रक की टंकी फुल कर रहे ड्राइवर मंजीत सिंह का कहना है कि ‘टंकी 400 लीटर की है। यूपी में टंकी फुल कराने से 2200 रुपये की बचत हो रही है। संकट में बिहार में उतना ही डीजल भराते हैं जिससे यूपी बॉर्डर में प्रवेश कर सकें।’ बड़े पेट्रोल पंप संचालकों ने तो ड्राइवरों के रात्रि विश्राम से लेकर लेकर स्नान आदि तक की बेहतर व्यवस्था कर रखी है।
कुछ पेट्रोल पंप पर टंकी फुल कराने वाले ड्राइवरों के लिए फ्री भोजन का ऑफर है। कुशीनगर पेट्रोल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य त्रिपाठी का कहना है कि ‘मंगलवार को कुशीनगर के पंप पर पेट्रोल 94.89 और डीजल 89.76 प्रति लीटर बिक रहा है। बिहार सरकार ने शराब बंदी के चलते राजस्व के नुकसान को देखते हुए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स अधिक है। कोरोना काल में पूरे देश में पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में कमी हुई, लेकिन बिहार सरकार ने कमी नहीं की।
दो साल में बॉर्डर एरिया में 22 पेट्रोल पंप के लिए आवेदन
विभिन्न पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से दो साल के अंदर कुशीनगर जिले में 100 पेट्रोल पंप के लिए वैकेंसी निकाली गई। इनमें से 22 सिर्फ बॉर्डर एरिया में हैं। जिले के अन्य हिस्सों में पेट्रोल पंप अभी भले ही स्थापित नहीं हो सके हों। लेकिन बिहार बॉर्डर की बहादुरपुर पुलिस चौकी से लेकर कुशीनगर जिले के पटेरवा तक 20 किमी के दायरे में 15 पेट्रोल पंप चालू हो गए हैं। जबकि आधा दर्जन निर्माणाधीन हैं।
बॉर्डर के पेट्रोल पंपों पर रोज 4 से 5 करोड़ की बिक्री
हाईवे के पेट्रोप पंपों पर सामान्य तौर पर 20 से 30 हजार लीटर डीजल-पेट्रोल की बिक्री होती है। लेकिन बिहार बार्डर के पेट्रोल पंप 50 हजार से लेकर एक लाख लीटर तक पेट्रोल-डीजल की बिक्री प्रतिदिन कर रहे हैं। कुल पेट्रोल पंप 4 से 5 करोड़ कीमत के पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करते हैं।
मानक बदलने का उठा रहे लाभ
वर्ष 2014 के पहले तक हाईवे पर दो पेट्रोप पंप के बीच 3 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए थी। लेकिन अब शर्तों के साथ यह दूरी एक किलोमीटर कर दी गई है। इस लाभ पेट्रोप पंप संचालक उठा रहे हैं।