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विकास दुबे के भाई दीपक पर बड़ी कार्रवाई, लखनऊ में बना एक करोड़ का मकान सील 

बहुचर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के भाई दीपक प्रकाश दुबे पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम कानपुर के आदेश पर दीपक का लखनऊ स्थित मकान को सील कर दिया गया है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 26 Sep 2022 06:44 PM
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बहुचर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के भाई दीपक प्रकाश दुबे पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम कानपुर के आदेश के बाद पुलिस ने दीपक पर शिकंजा कसते हुए उसका लखनऊ के कृष्णा नगर में स्थित मकान को सील कर दिया। इस मकान की कीमत करीब एक करोड़ रुपये बताई जा रही है। मकान की सील करने की कार्रवाई के दौरान चौबेपुर पुलिस और कृष्णा नगर पुलिस भी मौजूद रही। 

इससे पहले शनिवार को विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे की शास्त्री नगर मतैयापुरवा की एक करोड़ की संपत्ति को सील कर किया जा चुका है।  साथ ही हिस्ट्रीशीटर की कानपुर, देहात और लखनऊ में 150 करोड़ रुपये की संपत्ति अब तक सील कर प्रशासन जब्त कर चुका है। हाईकोर्ट के निर्देश पर संपत्ति पर चल रही फैक्ट्री के मालिक के प्रत्यावेदन को डीएम कोर्ट खारिज कर दिया था।

धोखाधड़ी के आरोप में जेल में बंद था दीपक दुबे

पिछले कुछ दिनों से विकास दुबे का भाई दीपक दुबे धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद था। कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर आया है। दीपक पर आरोप है कि अपराध करने के लिए उसने दूसरे के नाम के सिम कार्ड का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की है। जमानत के समर्थन में कहा गया कि याची को विकास दुबे का भाई होने के कारण झूठा फंसाया गया है। पुलिस ने उसे चार मामलों में फंसाया है जबकि वह 16 साल का नाबालिग है। उसने किसी भी अपराध के लिए अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं किया और न ही कथित मोबाइल नम्बर के असली मालिक दयाशंकर अग्निहोत्री ने उसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई है। यह भी कहा गया कि अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। याची जनवरी 2021 से जेल में बंद है तथा मुकदमे के शीघ्र निस्तारण की कोई संभावना नहीं है। 

सरकारी वकील ने जमानत का किया था विरोध

जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि मोबाइल नंबर विकास दुबे के नौकर का है और विकास दुबे को भागने में सहायता करने के लिए याची ने इसका दुरुपयोग किया। दयाशंकर अग्निहोत्री के बयान और विशेष जांच दल की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है। साथ ही दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के नियम ग्राहक परिवर्तन की अनुमति नहीं देते इसलिए याची जमानत पर छोड़े जाने का हकदार नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

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