बीएचयू में आईआईटी की छात्रा से अश्लील हरकतें ही नहीं गैंगरेप भी हुआ था, मजिस्ट्रेट के सामने बयान, नई धारा जुड़ी
बीएचयू में आईआईटी की छात्रा के कपड़े उतरवाकर अश्लीलता ही नहीं की गई थी, उसका गैंगरेप भी हुआ था। मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान के बाद एफआईआर में गैंगरेप की धारा जोड़ी गई है। आरोपी अब भी फरार हैं।
बीएचयू में आईआईटी की छात्रा के कपड़े उतरवाकर अश्लीलता ही नहीं की गई थी, उसका गैंगरेप भी हुआ था। मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान के बाद एफआईआर में गैंगरेप की धारा जोड़ी गई है। गैंगरेप की धारा जोड़ने के साथ ही पूरे मामले की जांच लंका के एसएचओ शिवाकांत मिश्रा को सौंप दी गई है। हैरानी की बात यह है कि एक नवंबर को हुई घटना के नौ दिन बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर हो रहे तमाम दावे इस खौफनाक घटना और आरोपियों का सुराग तक नहीं लगने से सवालों के घेरे में है। अखिलेश यादव ने भी गुरुवार को ट्वीट कर इस घटना के साथ ही यूपी में हुई कई घटनाओं का ब्योरा देते हुए कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है।
बीएचयू आईआईटी की बीटेक द्वितीय वर्ष की छात्रा परिसर के ही छात्रावास में रहती है। एक नवंबर की देर रात छात्रा पढ़ाई के बाद थोड़ी देर के लिए परिसर में ही वॉक के लिए निकली थी। इसी दौरान रास्ते में उसे एक दोस्त भी मिल गया। दोनों टहलते हुए कर्मनबीर बाबा के मंदिर की तरफ चले गए। इसी बीच बुलेट बाइक से आए तीन लड़कों ने दोनों को रोक लिया।
गन प्वाइंट पर लेते हुए छात्रा के साथ मौजूद उसके दोस्त को अलग कर मारा पीटा। फिर छात्रा के साथ जबरदस्ती शुरू की। उसका मुंह दबाकर एक तरफ ले गए। उसके सारे कपड़े उतार दिए। अश्लीलता की और इसका वीडियो भी बनाया। इसके बाद फरार हो गए। अभी तक पुलिस में दर्ज एफआईआर में यही सूचना थी। बुधवार को छात्रा का मजिस्ट्रेट के सामने बयान हुआ तो गैंगरेप की धारा जोड़ी गई। बताया जा रहा है कि छात्रा के साथ गैंगरेप भी हुआ था।
छात्रों ने शुरू किया बेमियादी धरना, निकाला जस्टिस मार्च
आईआईटी बीएचयू परिसर में छात्र-छात्राओं ने बुधवार की सुबह निदेशक कार्यालय के सामने फिर धरना शुरू कर दिया। वे पहली नवंबर की रात छात्रा से गैंगरेप करने वाले तीनों मनबढ़ों की अब तक गिरफ्तारी न होने पर नाराज हैं। कक्षाओं का बहिष्कार करते हुए उन्होंने धरनास्थल पर ही लैपटॉप, नोट्स आदि से पढ़ाई की। देर शाम उन्होंने जस्टिस मार्च निकाला जो परिसर में घूमता हुआ धरना स्थल पर लौटा। धरना और मार्च में भारी संख्या में छात्र-छात्राओं की मौजूदगी दिखी। आरोपितों की गिरफ्तारी होने तक धरना जारी रखने की घोषणा की गई है।
छात्र-छात्राएं आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ पूरे प्रकरण की एसआईटी जांच की भी मांग कर रही हैं। इस मामले में पुलिस के अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचने से उनकी नाराजगी है। क्राइम ब्रांच समेत पुलिस की पांच टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी में लगी हैं। धरना स्थल पर आईआईटियंस नोट्स, लैपटॉप और मोबाइल से पढ़ाई करते नजर आए। उन्होंने कहा कि आरोपितों के पकड़े जाने तक सड़क पर ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी।
कब पकड़े जाएंगे आरोपी धरनारत छात्राओं ने पूछा कि आरोपी कब पकड़े जाएंगे। बीटेक थर्ड ईयर की छात्रा ज्योति ने कहा, पुलिस ने घटना के बाद दिलासा दिया था कि यहीं सड़क पर सबके सामने दरिंदों को मारेंगे। घटना को 7 दिन हो गए। आखिर आरोपी कहां हैं? क्यों पुलिस पकड़ नहीं पा रही है? कब न्याय मिलेगा? सभी छात्र अलग-अलग ग्रुप में बैठे हैं। नारेबाजी के बजाए चुपचाप स्टडी कर रहे हैं। कई छात्राएं महामना की तस्वीर लेकर बैठी हैं। कई छात्राओं के हाथ में पोस्टर हैं। उन पर लिखा है कि पीड़ित बिटिया को न्याय कब मिलेगा?
आईआईटी बीएचयू स्टूडेंट पार्लियामेंट के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव सुरेश ने कहा, पुलिस ने दो नवंबर को कहा था कि आरोपितों को पकड़ कर इसी जगह पीटा जाएगा लेकिन अब तक कोई नहीं पकड़ा जा सका। उन्होंने छात्रों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है।
यौन उत्पीड़न की घटना पर जताया रोष
वाराणसी। बीएचयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव के आवास पर बुधवार को पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में संस्कृत विवि, हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज के छात्र नेताओं सहित नागरिक समाज के लोगों ने आईआईटी बीएचयू में यौन उत्पीड़न की घटना पर रोष जताया।
पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने घटना के दोषियों को पकड़ने की जगह शान्तिपूर्ण आंदोलनकारी छात्रों पर मुकदमा दर्ज करने पर नाराजगी जताई। बैठक में संजीव सिंह, धनञ्जय त्रिपाठी, जेपी तिवारी, प्रदीप मिश्र साजू, डॉ. साकेत, अनुज कुमार, आकाश सिंह, शाहिद, नरेन्द्र कुमार, शुभम राय, आकांक्षा, डॉ. जनकनेश्वरी, प्रज्ञा, सुमन आनन्द, शिवा, शशिकांत, दीपक, राजीव नयन उपस्थित थे।
जल्द गिरफ्तारी न होने से बढ़ेगा हौसला
वाराणसी। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, भारतीय महिला फेडेरेशन और एसएफआई ने बीएचयू की घटना के संबंध में बुधवार को पुलिस कमिश्नर को संयुक्त ज्ञापन सौंपा है। इसमें आरोपितयों की तत्काल गिरफ्तारी के साथ ही कुछ अन्य मांगे हैं। संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि एक नवंबर की रात हुई घटना के आरोपितों की अब तक गिरफ्तारी न होने से उनके हौसले बढ़ेंगे।
समाज में भी गलत संदेश जाएगा। मधु गर्ग, प्रो. रूपरेखा वर्मा, कांति मिश्रा, वंदना राय एवं अभिषेक यादव की ओर से दिए ज्ञापन में कहा गया है कि पूरी गोपनीयता के साथ छात्राओं से दोस्ताना माहौल में संवाद किया जाए जिससे और भी घटनाओं की जानकारी मिल सके।
विद्यार्थियों से मिले डीसीपी
वाराणसी। आईआईटी बीएचयू के निदेशक कार्यालय के सामने धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं से बुधवार रात 11.30 बजे डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम मिलने पहुंचे। उन्होंने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के प्रयासों को अवगत कराया। बताया कि कुछ संदिग्ध पकड़े गये हैं लेकिन पूरी तरह पुष्टि होने के बाद घटना का खुलासा कर गिरफ्तारी की जाएगी। देर रात तक वह धरनास्थल पर छात्रों को वापस जाने के लिए समझाते रहे।
‘हम बीएचयू के लोग’ की प्रमुख मांगें
-स्थायी गेट नुमा वैरिकेडिंग रोकी जाए। उसके स्थान पर परम्परागत वैरिकेडिंग ही लगाई जाए
-आईआईटी के छात्रों के लिए रात्रि 10 से प्रात 6 बजे तक सीर- छित्तूपुर-लंका मार्ग से प्रवेश-निकास की व्यवस्था हो
-फैकल्टी, छात्रावास एवं दूसरे मार्ग से प्रवेश रात्रि 10 से प्रात 6 बजे तक प्रतिबंधित हो
-आईआईटी बीएचयू में चीफ प्रॉक्टर की जगह उप/संयुक्त मुख्य आरक्षाधिकारी की तैनाती हो
-परिसर में रात्रि 10 बजे से प्रात 10 बजे के मध्य बाहरियों का आवागमन अस्पताल तक हो
-सम्पूर्ण परिसर सीसीटीवी एवं प्रकाश से आच्छादित किया जाए
-प्रॉक्टोरियल बोर्ड में एक महिला सुरक्षाधिकारी की 24x7 उपलब्धता की जाए
-हैदराबाद गेट से ओल्ड एग्रीकल्चर गर्ल्स हॉस्टल एवं महिला छात्रावासों के मार्ग पर प्रकाश, बैरिकेडिंग की जाए
-रात्रि में छात्राओं के अतिरिक्त बीएचयू का आई कार्ड/लोगो देख कर ही प्रवेश दिया जाए
-महिला विषयक समितियों को तत्काल सक्रिय किया जाए