बीएचयू प्रशासन ने नोटिस जारी कर छात्रों के परिसर में होली खेलने पर लगाया बैन, विहिप ने बताया तुगलकी फरमान
वाराणसी में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी कैंपस में स्टूडेंट्स को होली खेलने से बैन किया गया है। विवादास्पद आदेश में कहा कैंपस के अंदर सार्वजनिक स्थानों पर होली मनाने वालों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई होगी।
वाराणसी में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी कैंपस में स्टूडेंट्स को होली खेलने से बैन किया गया है। विवादास्पद आदेश में कैंपस के अंदर सार्वजनिक स्थानों पर होली मनाने वालों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की बात कही है। बीएचयू का ये नोटिस कुछ ही समय में इंटरनेट पर वायरल हो गया। बीएचयू प्रशासन ने आगामी होली पर्व के मद्देनजर एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि परिसर के अंदर सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलने, होली के दौरान गुंडागर्दी करने और परिसर में संगीत बजाने पर प्रतिबंध रहेगा।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रशासन ने छात्रों के परिसर में होली खेलने पर प्रतिबंध लगाने का नोटिस जारी किया तो विश्व हिंदू परिषद ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए विरोध जताया है। जहां पूरा देश और दुनिया भर के हिंदू समुदाय होली मनाने के लिए कमर कस चुके हैं, वहीं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने परिसर में इस पर प्रतिबंध लगाकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। रंगों का त्योहार एक प्रमुख हिंदू त्योहार है और विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले से छात्रों और सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश फैल गया है। हालांकि गुरुवार 3 मार्च 2023 को छात्रों ने प्रतिबंध को तोड़ दिया और परिसर और व्यक्तिगत छात्रावासों में होली मनाई।
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लोगों ने यह भी इशारा किया कि इसी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। छात्रों ने डीजे पर गाने बजाकर, रंग फेंककर, कपड़े फाड़कर और एक-दूसरे को पानी और कीचड़ में धकेल कर त्योहार मनाया। फिल्मी गीत, लोकगीत और भोजपुरी गीत तेज आवाज में बजाए गए। स्टूडेंट्स ने पानी से भरे कुंड में होली खेली, जबकि मधुबन में छात्र-छात्राओं ने एक-दूसरे के शर्ट-कुर्ते फाड़ डाले।