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होनी को कौन टाल सकता है, जो आया है उसे एक दिन तो जाना ही है: हाथरस भगदड़ पर बोले 'भोले बाबा'

हाथरस भगदड़ पर 'भोले बाबा' सूरजपाल ने कहा कि हम दो जुलाई की घटना के बाद से बहुत ही अवसाद से ग्रसित हैं। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है, जो आया है, उसे एक दिन तो जाना ही है। भले ही कोई आगे-पीछे जाए।

Madan Tiwari पीटीआई, कासगंजWed, 17 July 2024 08:39 PM
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यूपी के हाथरस में भगदड़ की घटना के बाद स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ हरि नारायण साकार (भोले बाबा) बुधवार को कासगंज स्थित अपने आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने दो जुलाई को हुई भगदड़ की घटना को लेकर कहा कि जो आया है, उसे तो एक न एक दिन जाना ही है। होनी को कौन टाल सकता है। मालूम हो कि हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में दो जुलाई को 'भोले बाबा' का सत्संग था, जिसमें भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 121 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए थे।

​नारायण साकर हरि उर्फ ​​'भोले बाबा' ने पीटीआई-भाषा से कहा, "2 जुलाई की घटना के बाद मैं दुखी और उदास हूं, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है, जो आया है उसे एक दिन तो जाना ही है। हमारे अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह और प्रत्यक्षदर्शियों ने हमें जहरीले स्प्रे के बारे में जो बताया है, उसके अनुसार यह सच है कि इसमें निश्चित रूप से कोई साजिश है। हमारे अनुयायियों को एसआईटी और न्यायिक आयोग पर पूरा भरोसा है कि वे सच्चाई सामने लाएंगे।" 

इस दौरान भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कासगंज में संवाददाताओं से कहा, ''वह (भोले बाबा) अपने आश्रम पहुंच गए हैं और यहीं रहेंगे। वह यहां आश्रम से ही आए हैं। वह कभी किसी के घर, होटल या किसी दूसरे देश में नहीं गए।'' उन्होंने कहा कि कासगंज बाबा की जन्मस्थली है और वह आखिरी बार 2023 में एक दिन के लिए यहां आए थे और इससे पहले वे 2013 में यहां आए थे। 

हाथरस भगदड़ की घटना पर यूपी सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक आयोग का गठन किया है। एसआईटी ने इस मामले में राज्य सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें उसने किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें उन पर सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। इस कार्यक्रम में 2.5 लाख लोग इकट्ठा हुए थे, जबकि केवल 80,000 लोगों के लिए ही अनुमति दी गई थी। 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला
हाथरस भगदड़ का मामला पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। हालांकि, कोर्ट ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच कराने संबंधी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए कहा था। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ऐसी घटनाएं परेशान कर देने वाली हैं लेकिन उच्च न्यायालय ऐसे मामलों का निपटारा करने में समर्थ है। पीठ ने कहा, ''बेशक, ये परेशान करने वाली घटनाएं हैं। आमतौर पर ऐसी घटनाओं को बड़ा मुद्दा बनाने के लिए याचिकाएं दायर की जाती हैं। उच्च न्यायालय ऐसे मामलों का निपटारा कर सकता है। याचिका खारिज की जाती है।'' न्यायालय ने वकील एवं याचिकाकर्ता विशाल तिवारी को हाथरस भगदड़ की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा।

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