Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Bhimrao Ambedkar University in Agra scam worth crores from transport shocking disclosure in STF investigation

भीमराव अंबेडर विश्वविद्यालय में ट्रांसपोर्ट से करोड़ों का घोटाला, एसटीएफ जांच में चौकाने वाला खुलासा

भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में ट्रांसपोर्ट के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया है। एसटीएफ की छानबीन में पता चला है कि फर्जी बिल और ई-वे बिल लगाकर उसका भुगतान किया जा रहा है।

Atul Gupta संवाददाता, कानपुरSun, 6 Nov 2022 11:12 PM
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डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में ट्रांसपोर्ट से करोड़ों का सामान भेजा नहीं गया, लेकिन ई-वे बिल लगाकर उसका भुगतान हो गया। इन सामानों में ओएमआर शीट, दस्तावेज समेत कई अन्य चीजें थी। ये ट्रक उन टोल टैक्स से भी नहीं गुजरे, जहां की रसीद लगाई गई। एसटीएफ को आगरा विवि से जांच के दौरान ऐसे ही कई सुराग मिले। दावा है कि ऐसे दर्जनों बिल मिले हैं, जिनका सत्यापन ही नहीं हो पा रहा है। एसटीएफ की आगरा में जांच कर रही टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी है। इसमें ऐसे ही तथ्य दिए गए हैं। टीम को डॉ. भीमराव अम्बेडकर विवि में भी कई फाइलें हासिल करने में मशक्कत करनी पड़ी। यहां कुछ समय तक कार्यवाहक कुलपति रहे विनय पाठक और एक्सएलआईसीटी के मालिक अजय मिश्र के बारे में कर्मचारियों से काफी जानकारियां जुटाई हैं।

ई-वे बिल ने खोली पोल

जांच अधिकारी को जब ई-वे बिल हाथ लगे तो पोल खुलती चली गई। एक अधिकारी के मुताबिक कई नजदीकी तारीखों को जारी ई-वे बिल देखते ही गड़बड़ी की आशंका हुई। जब इन बिलों की गहनता से जांच की गई तो पता चला कि रसीद में जिन ट्रकों के नम्बर दिखाए गए हैं, उन ट्रक से सामान ही नहीं आया। ई-वे बिल पर दर्ज नंबर ट्रकों के जरूर थे, लेकिन जहां से माल की आपूर्ति दिखाई गई, उस निर्धारित रूट के टोल से वे ट्रक गुजरे ही नहीं। इतना ही नहीं, दिल्ली से आगरा के बीच टोल प्लाजा से भी ये ट्रक नहीं गुजरे, लेकिन वहां टोल टैक्स की रसीद दस्तावेजों में लगी मिली। 

सप्लाई के दस्तावेज भी खंगाले जा रहे

प्री, पोस्ट परीक्षा संचालन के समय आगरा विवि में विभिन्न सामग्रियां सप्लाई की गईं। अब इनके दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं। शनिवार को इससे जुड़े कई दस्तावेज एसटीएफ ने कब्जे में ले लिये थे। रविवार को चार सदस्यीय टीम ने इस संबंध में कुछ कर्मचारियों से पूछताछ की। सोमवार को विवि में एसटीएफ की टीम फिर पड़ताल के लिए जाएगी।

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