बीडीएस छात्रों को इंटर्नशिप के बाद पास करनी होगी परीक्षा, तभी मिलेगी डिग्री
अब बीडीएस छात्रों को इंटर्नशिप के बाद पास परीक्षा करनी होगी नहीं तो डिग्री नहीं दी जाएगी। फेल छात्रों को फिर एग्जाम देना होगा।
अब बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जन) छात्रों को इंटर्नशिप के बाद परीक्षा पास करनी होगी। जो छात्र परीक्षा उत्तीर्ण कर पाएं उन्हें ही डिग्री मिलेगी। फेल छात्रों को दोबारा परीक्षा पास करनी होगी।
दांतों के अच्छे डॉक्टर तैयार करने के लिए डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) अहम कदम उठाने जा रही है। बीडीएस के पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा है। इसके तहत अब बीडीएस कोर्स एमबीबीएस की भांति साढ़े पांच साल का होगा। अभी पांच साल में छात्रों को बीडीएस की डिग्री मिल रही है। अधिकारियों ने जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद जाहिर की है।
बीडीएस पाठ्यक्रम से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे
एक साल की इंटर्नशिप के बाद छात्रों को परीक्षा पास करनी होगी। इसमें बीडीएस पाठ्यक्रम से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी। उसके बाद भी छात्र प्रैक्टिस कर सकेंगे। केजीएमयू दंत संकाय प्रदेश का अकेला सरकारी संस्थान है, इसमें बीडीएस की पढ़ाई हो रही है। इसमें 70 सीटे हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार होगा
केजीएमयू दंत संकाय के डीन डॉ. एपी टिक्कू ने बताया कि बीडीएस पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने की दिशा में डीसीआई ने सराहनीय कदम उठाया है। इससे और अच्छे डॉक्टर तैयार हो सकेंगे। इससे दांतों की बीमारी से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।