यूपी : ग्राम पंचायतों में तैनात होंगी बीसी सखी, बैंकों से जुड़ी योजनाओं के लिए करेगी मदद
बैंक संबंधी कामकाज के लिए गांव वालों को ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी। सरकारी पेंशन हो या अन्य कोई काम गांव में ही बीसी सखी उनकी मदद करेगी। प्रथम चरण में जिले की 640 ग्राम पंचायतों में बीसी सखी...
बैंक संबंधी कामकाज के लिए गांव वालों को ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी। सरकारी पेंशन हो या अन्य कोई काम गांव में ही बीसी सखी उनकी मदद करेगी। प्रथम चरण में जिले की 640 ग्राम पंचायतों में बीसी सखी की तैनाती की जा रही है उनके प्रशिक्षण का दौर शुरू हो चुका है।
ग्रामीण महिलाएं स्वालंबन की राह चल सकें और ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं में सुगमता हो सके इसके लिए सरकार ने हर गांव में बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सखी कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम के अनुसार प्रत्येक गांव में एक महिला को बीसी सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। जो ग्रामीणों की विभिन्न बैंकिंग योजनाओं में मदद करेगी। प्रथम चरण में कुल 682 ग्राम पंचायतों में से 640 ग्राम पंचायतों में बीसी सखी की तैनाती की जानी है। इन्हें रूरल सेल्फ एंप्लॉयमेंट ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट द्वारा छह दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद इन्हें परीक्षा से भी गुजरना होगा। जिसके बाद प्रमाण पत्र मिलेगा और फिर यह गांव में जाकर कार्य करेंगी। प्रशिक्षण के लिए 30-30 महिलाओं का बैच बनाया गया है।
दी जा रही है हाईटेक ट्रेनिंग
महिलाओं को कंप्यूटर बैंकिंग से जुड़े अन्य सॉफ्टवेयर से भी परिचित कराया जा रहा है। इसके साथ ही फोन में एटीएम, फोन पर गूगल आदि चलाने को लेकर भी उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
मिलेगा 4000 मानदेय
बीसी सखी के कार्य के लिए महिलाओं को प्रतिमाह 4000 रुपए मानदेय के रूप में दिए जाएंगे। इसके साथ ही उनका कार्य अच्छा होने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। समूह से जुड़ी महिलाओं को अन्य स्टाइपेंड भी दिए होंगे।
आत्मनिर्भर बनेगी महिलाएं
इस संबंध में सीडीओ डॉ. अंकुर लाठर ने बताया कि बीसी सखी योजना से जुड़ कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इसके साथ ही ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाओं में मदद मिलेगी।