Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Battery Projector made with junk to watch film on House wall or any big screen

कबाड़ से बनाया बैटरी वाला प्रोजेक्टर, घर की दीवार या बड़े पर्दे पर देख सकते हैं फिल्म

कमालुद्दीन ने अपने प्रोजेक्टर के लिए पुराने मोबाइल फोन, एलईडी डिस्प्ले, टॉर्च, लाइट, मोबाइल बैटरी, गत्ते के डिब्बे आदि का ही इस्तेमाल किया। हालांकि अपने प्रयोग के दौरान कई बार डिस्प्ले खराब भी हुई।

Srishti Kunj विक्रांत कुमार, मुरादाबादFri, 12 Aug 2022 10:53 AM
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बिलारी (मुरादाबाद)। कुछ नया करने के जूनून में बिलारी के 55 वर्षीय कमालुद्दीन खान ने ऐसा कमाल कर डाला है कि वह दिनों यार-दोस्तों और मोहल्ले वालों ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी यहां-वहां नजर आ रहे हैं। वह घर चलाने के लिए एक सिनेमाघर की चौकीदारी करते हैं लेकिन यहीं से मिले एक आइडिया पर उन्होंने कबाड़ से बैटरी से चलने वाला फिल्म प्रोजेक्टर बना डाला। फिलहाल उनके प्रोजेक्टर से पूरी एक फिल्म घर की किसी दीवार या बड़े पर्दे पर देखी जा सकती है। 

कमालुद्दीन का दावा है कि उनके प्रोजेक्टर में कुछ बदलाव करके प्रोजेक्शन अवधि और बढ़ाई जा सकती है। कमालुद्दीन बिलारी के एक थिएटर की चौकीदारी करते हैं और इसी के पीछे बने एक बेहद तंग कमरे में परिवार के साथ जैसे-तैसे जीवन बिता रहे हैं। शुरू से फिल्मों के शौक ने उन्हें सिनेमाघर का रास्ता दिखाया था और इसी के कारण वह बाद में सिनेमाघर में प्रोजेक्टर ऑपरेटर बन गए। यहां काम करने के दौरान ही उन्होंने प्रोजेक्टर के बारे में सारी तकनीक और बारीकियां सीखीं।

थियेटर बंद हुए तो छूट गया काम, बना डाला प्रोजेक्टर
थिएटर बंद हुए तो काम भी छूट गया। कमालुद्दीन के मन में कई बार आता था कि वह ऐसा प्रोजेक्टर बनाएं जो बिजली पर निर्भर न। 4 महीने की उनकी मेहनत, तकनीकी समझ और हुनर रंग लाया और आखिरकार उन्होंने बैटरी से चलने वाला प्रोजेक्टर बना ही डाला।

आर्थिक तंगी ने बुरी तरह घेरा, नौ लोगों का परिवार
चौकीदारी से परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना भी भारी पड़ता है। जिस छत के नीचे वह अपने नौ सदस्यों वाले परिवार के साथ रहते हैं, वह भी उनकी नहीं है। कई बार प्रयास के बाद भी सरकारी योजना से उन्हें मकान नहीं मिल पाया।

घर में बेकार पड़ी बेकार चीजों का ही इस्तेमाल
कमालुद्दीन ने अपने प्रोजेक्टर के लिए पुराने मोबाइल फोन, एलईडी डिस्प्ले, टॉर्च, लाइट, मोबाइल बैटरी, गत्ते के डिब्बे आदि का ही इस्तेमाल किया। हालांकि अपने प्रयोग के दौरान कई बार डिस्प्ले खराब भी हुई लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। यह प्रोजेक्टर बिना बिजली के मोबाइल की बैटरी से चलता है। पूरी तरह से चार्ज होने पर यह मेमोरी कार्ड में सेव फिल्म-वीडियो करीब 3 घंटे तक दीवार या परदे पर गाने-फिल्में किसी सिनेमाहाल की तरह दिखाता है। बेहतर आवाज के लिए अलग से स्पीकर भी लगाए गए हैं। कमालुद्दीन कहते हैं कि मेमोरी स्पेस, स्क्रीन साइज और प्रोजेक्शन लाइफ बढ़ाने के लिए कुछ बदलाव करने होंगे।

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