बरेली के नतीजों से साफ, मुस्लिम और परंपरागत वोटरों ने नहीं सुनी रहनुमाओं की बात
Bareilly Mayor Election Result 2023: बरेली के चुनाव नतीजों ने मतदाताओं की पसंद के साथ साथ तमाम मिथकों को भी तोड़ने का काम किया है। नतीजों को देखने से लगता है कि मुस्लिम वोटरों ने अपने मन वाली की है।
बरेली नगर निगम चुनाव में भाजपा ने एकबार फिर परचम फहरा दिया है। भाजपा के मेयर उम्मीदवार डॉ. उमेश गौतम ने जीत दर्ज कर ली है। उमेश गौतम ने सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार डॉक्टर आईएस तोमर को 56343 वोट से मात दे दी। उमेश गौतम को 167385 जबकि आईएस तोमर को 111042 वोट प्राप्त हुए। चुनाव नतीजों को देखकर ऐसा लग रहा है कि इस बार मुस्लिम मतदाता और परंपरागत वोटरों ने रहनुमाओं की बात को अनसुना कर दिया है।
दरअसल, पिछले बार के विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तरह इस बार के निकाय चुनाव में भी मुस्लिम रहनुमाओं ने सियासी मंसूबों को साधने की होड़ देखी गई। सुन्नी मसलक के जुड़े रहनुमाओं ने अपने सियासी हितों को देखते हुए पार्टियों का समर्थन किया। इस बार देखा गया कि जो रहनुमा वर्षों से भाजपा को मुस्लिमों का दुश्मन बता रहे थे, वे सपा की मुखालफत में आवाज बुलंद करते नजर आए। यहां तक कि जिन रहनुमाओं को सपा सरकार में अहम रूतबा मिला था वो भी विरोध में नजर आए। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिला।
कुछ उलेमा सीधे तौर पर कांग्रेस तो कुछ बसपा के समर्थन में आवाज बुलंद करते नजर आए। हालांकि चुनाव नतीजों में कांग्रेस और बसपा के हस्र को देखकर ऐसा मालूम पड़ता है कि मुस्लिम मतदाताओं ने रहनुमाओं की बात नहीं मानी। यहां तक कि कांग्रेस और बसपा के परंपरागत मतदाताओं में भी बिखराव नजर आ रहा है। मेयर पद के लिए होने वाले इस दंगल में 13 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे थे। परंपरागत मतदाताओं और मुस्लिम वोटरों की बेरुखी के कारण कई उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में भी कामयाब नहीं हुए।
उल्लेखनीय है कि बरेली नगर निगम में कुल 847890 मतदाता थे जिनमें से 319293 ने मतदान में हिस्सा लिया। निर्वाचन आयोग के नियमानुसार 319293 मतों में से 20 फीसद वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार की जमानत बच सकेगी। जाहिर है जिस उम्मीदवार को 63858 वोट मिलेंगे उनकी जमानत राशि ही वापस की जाएगी। चुनाव रूझानों से साफ हैं कि इन चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं ने अपने रहनुमाओं की अपील को भी नजरंदाज करते हुए अपने अपने व्यक्तिगत पर गौर किया। वैसे यह मौजूदा चुनाव का शुरुआती आकलन है। राजनीति के धुरंधर आगे भी हार जीत का आकलन करते रहेंगे।