छात्रों के विरोध के बाद बीएचयू ने बदला फैसला, अब होली पर कोई प्रतिबंध नहीं
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों के होली खेलने पर प्रतिबंध लगाने के बाद छात्रों ने विरोध कर दिया। छात्रों की नाराजगी को देखते हुए बीएचयू प्रशासन को अपना फैसला बदलना पड़ा।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों के होली खेलने पर प्रतिबंध लगाने के बाद छात्रों ने विरोध कर दिया। छात्रों की नाराजगी को देखते हुए बीएचयू प्रशासन को अपना फैसला बदलना पड़ा। परिसर में सार्वजनिक ढंग से होली के आयोजन पर पाबंदी का आदेश शनिवार को वापस ले लिया गया।
दो दिन पहले चीफ प्रॉक्टर की तरफ से परिसर में होली के सार्वजनिक आयोजन और छात्रों के जुटान को प्रतिबंधित किया गया था। हालांकि इसके बाद भी मधुबन, दृश्यकला संकाय सहित हॉस्टलों में आयोजन हुए। शनिवार को भी डीजे पर होली गीत बजा रहे संस्कृत और कला संकाय के छात्रों ने रोकने पर सुरक्षाकर्मियों का कड़ा विरोध किया। दोपहर के वक़्त चीफ प्रॉक्टर ने आदेश जारी कर पिछला आदेश वापस ले लिया।
विहिप ने बीएचयू के फैसले को बताया था तुगलकी फरमान
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रशासन ने छात्रों के परिसर में होली खेलने पर प्रतिबंध लगाने का नोटिस जारी किया तो विश्व हिंदू परिषद ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए विरोध जताया है। जहां पूरा देश और दुनिया भर के हिंदू समुदाय होली मनाने के लिए कमर कस चुके हैं, वहीं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने परिसर में इस पर प्रतिबंध लगाकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। रंगों का त्योहार एक प्रमुख हिंदू त्योहार है और विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले से छात्रों और सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश फैल गया है। हालांकि गुरुवार 3 मार्च 2023 को छात्रों ने प्रतिबंध को तोड़ दिया और परिसर और व्यक्तिगत छात्रावासों में होली मनाई।|