कागजों पर लगा खतरनाक कुत्ते पालन पर बैन, हकीकत में रॉटविलर और पिटबुल को पालने पर कोई रोक नहीं
कानपुर में रॉटविलर और पिटबुल सहित खूंखार नस्ल के कुत्ते पालने, बेचने और ब्रीडिंग पर नगर निगम 24 सितंबर की बोर्ड बैठक में प्रतिबंध लगा चुका है लेकिन हकीकत इसके उलट है। लोग अब भी इन्हें पाल रहे हैं।
कानपुर में रॉटविलर और पिटबुल सहित खूंखार नस्ल के कुत्ते पालने, बेचने और ब्रीडिंग पर नगर निगम 24 सितंबर की बोर्ड बैठक में प्रतिबंध लगा चुका है लेकिन हकीकत इसके उलट है। एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि खूंखार नस्ल के कुत्तों को पालने और ब्रीडिंग में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। पिछले कुछ समय से रॉटविलर और पिटबुल सहित अन्य विदेशी नस्ल के कुत्तों के हमलावर होने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसे देखते हुए 24 सितंबर को नगर निगम की बोर्ड बैठक में खूंखार कुत्तों के पालने-ब्रीडिंग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
बाबूपुरवा कॉलोनी निवासी आनंद यादव और शास्त्रीनगर निवासी अभिषेक सिंह ने घरों में पले खूंखार और सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्तों को लेकर नगर निगम में आरटीआई दाखिल की थी। आनंद यादव ने सवाल किया था, कानपुर नगर निगम ने किस नस्ल के कुत्तों की ब्रीडिंग व पालने पर प्रतिबंध लगा रखा है। नगर निगम के कैटिल कैचिंग दस्ते के प्रभारी अधिकारी ने जवाब दिया- कोई प्रतिबंध नहीं है।
अपने दम पर बचिए अभिषेक सिंह ने आरटीआई दाखिल कर पूछा था कि तीन साल में कितने आवारा कुत्तों को नगर निगम वैक्सीन लगा चुका है। जवाब मिला- कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। कुत्तों के अंतिम संस्कार स्थल की बातें तो बहुत हुईं लेकिन नगर निगम ने किसी तैयारियों से इनकार कर दिया।
महापौर, प्रमिला पांडेय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 24 सितंबर की बोर्ड बैठक में खूंखार, नए विदेशी नस्ल के कुत्तों के पालने और उनकी बिक्री प्रतिबंधित की थी। अगर अभी भी विदेशी नस्ल के कुत्ते बेचता है या फिर किसी ने बोर्ड बैठक के बाद पाला है तो जानकारी दें। खुद छापा मारेंगे और जुर्माना व दंडात्मक कार्रवाई करेंगे।