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जान जोखिम में डालकर देने पहुंचे बीएड प्रवेश परीक्षा, न दिखी सोशल डिस्टेंसिंग न थर्मल स्कैनिंग

लखनऊ समेत प्रदेश भर में  संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2020 शुरू हो गई है। जैसे-तैसे परीक्षार्थियों को केंद्र में प्रवेश देकर परीक्षा शुरू कराई गई। राजधानी लखनऊ में तमाम दावों के बावजूद न केवल...

Deep Pandey हिन्दुस्तान टीम, लखनऊMon, 10 Aug 2020 06:01 PM
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लखनऊ समेत प्रदेश भर में  संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2020 शुरू हो गई है। जैसे-तैसे परीक्षार्थियों को केंद्र में प्रवेश देकर परीक्षा शुरू कराई गई।

राजधानी लखनऊ में तमाम दावों के बावजूद न केवल श्री जयनारायण पीजी कॉलेज बल्कि राजधानी में परीक्षा केन्द्र बने 80 फीसद से ज्यादा केन्द्रों पर सामाजिक दूरी जैसे कोविड-19 प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। तैयारियों को लेकर तमाम दावे करने वाले जिम्मेदारों ने भी अभ्यर्थियों की भीड़ देखकर हाथ खड़े कर लिए। जैसे तैसे परीक्षा निपटाई गई।

संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2020 के लिए राजधानी में 82 केंद्र बनाए गए थे। यहां करीब 30,500 अभ्यर्थी शामिल होने थे। परीक्षा सुबह 9 बजे से प्रस्तावित थी। लेकिन, परीक्षार्थियों को एक घंटा पहले ही केन्द्र पर बुला लिया गया था। इससे में केन्द्रों पर सुबह सात बजे से ही परीक्षा और उनके अभिभावक इकट्ठा होने लगे। श्री जयनारायण पीजी कॉलेज, बप्पा श्री नारायण वोकेशन कॉलेज, एपी सेन गर्ल्स डिग्री कॉलेज के आसपास भारी भीड़ नजर आई। केकेसी और केकेवी में तो धक्का मुक्की तक की नौबत आ गई।

उधर, गोमती नगर के विनय खंड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के बाहर शारीरिक दूरी की खुलकर धज्जियां उड़ी। परीक्षा केंद्र में करीब 500 अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा की व्यवस्था थी। विद्यालय प्रशासन के पास एक थर्मल स्कैनर था इसके कारण अभ्यर्थियों को विद्यालय में प्रवेश पाने के लिए करीब 50 मिनट तक लाइनों में खड़ा रहना पड़ा। घंटों स्कूल के बाहर अभ्यर्थियों और अभिभावकों की भीड़ जुटी रही। अलीगंज में सुभाष चंद्र बोस कॉलेज के बाहर सुबह करीब सात बजे से अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगने लगा था। पुलिस तैनात रही मगर शारीरिक दूरी के मानकों का पालन नहीं करवाया गया।

गेट पर रोक दिए गए अभ्यर्थी

राजकीय सैनिक स्कूल सरोजनीनगर में परीक्षा देने पहुंचे 30 से ज्यादा अभ्यर्थियों को केन्द्र के बाहर रोक दिया गया। इनके शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण रोका गया।  इसको लेकर परीक्षार्थियों ने नाराजगी भी जताई। हालांकि, बाद में इन्हें अलग बैठाकर परीक्षा कराई गई। इसी तरह के मामले अमीनाबाद इंटर कॉलेज, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज, डीएवी इंटर कॉलेज में भी सामने आई।  

न बस न मिला लोकल ट्रांसपोर्ट

केन्द्रों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। केकेवी में परीक्षा देने बाराबंकी से आए अभिलेश वर्मा ने बताया कि  सुबह पांच से साढे छह बजे तक परिवहन की कोई बस नहीं मिली। वह लिफ्ट लेकर लखनऊ पहुंचे। चार किमी दूर पैदल चलकर सेंटर केकेसी पहुंचा।  अमेठी से आए शुभम अग्रवाल ने बताया कि उन्हें भी कोई ट्रांसपोर्ट नहीं मिला जिसकी वजह से रास्ते में एक अन्य अभ्यर्थी से बाइके से लिफ्ट ली। केन्द्र तक पहुंचने के लिए करीब आधा घंटे इंतजार करना पड़ा। बाद एक ऑटो मिला। 150 रूपये लेकर केन्द्र  पर छोड़ा।

44 केंद्रों पर नियमों को भूले स्टूडेंट
मेरठ के 44 केंद्रों पर बीएड एंट्रेंस सुबह नौ बजे शुरू हो गया। प्रतिबंध के बीच हो रहे इस एंट्रेंस में स्टूडेंट और परिजन निजी वाहनों से केंद्रों तक पहुंचे। सभी केंद्रों पर कार और बाइक की लाइन लगी रही। मास्क और सेनेटाइजर साथ लाने के निर्देशों के बावजूद कुछ स्टूडेंट मास्क लगाकर नहीं पहुंचे। सभी केंद्रों पर ऐसे स्टूडेंट के लिए मास्क दिए गए। केंद्रों पर स्टूडेंट की एंट्री हाथों को सेनेटाइज कराने के बाद हुई। केंद्रों के बाहर स्टूडेंट दो गज की दूरी के नियमों को भी भूल गए।

 एडमिट कार्ड को फोटोकॉपी लेकर नहीं पहुंचने से स्टूडेंट को चक्कर काटने पड़े। हालांकि कुछ केंद्रों के आसपास फ़ोटो स्टेट की दुकानें देरी से खुलीं। यहां पर स्टूडेंट की एडमिट कार्ड की फोटोकॉपी कराने के लिए लाइन लगी रही। प्रशासन द्वारा प्रतिबंध में ई-रिक्शा और ऑटो संचालन की छूट देने से स्टूडेंट को राहत मिली। नौ से 12 और दो से पांच बजे की दो पालियों में हो  रहे इस एंट्रेंस में स्टूडेंट को इस बार अंतराल के बीच बाहर आने की अनुमति नहीं रहेगी। स्टूडेंट को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक केंद्र के अंदर रहना होगा। मेरठ में 18 हजार 800 एंट्रेंस के लिए पंजीकृत हैं।
 

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