निरहुआ ने सपा को बताया समाप्तवादी पार्टी, बोले-कुर्सी बचाने के लिए मुगलों की नीति पर चल रहे हैं अखिलेश
उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित सांसद भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव की मुगल शासकों से तुलना की।
उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव की मुगल शासकों से तुलना की। उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए सपा प्रमुख मुगलों की नीति अपना रहे हैं। निरहुआ ने दावा किया कि यादव और मुसलमान वोट बैंक पर एकाधिकार समझने वाली सपा का यह समीकरण दोनों वर्गों के सियासी रूप से जागरूक होने की वजह से अब बिखर चुका है और समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी बन गई है। निरहुआ ने रविवार को कहा, अखिलेश यादव बहुत छोटे दिल के आदमी हैं। वह अपने सिवाय किसी को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते। उन्हें किसी भी कीमत पर कुर्सी चाहिए। वह चाहते तो अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाकर खुद आजमगढ़ से सांसद बने रह सकते थे लेकिन कहीं चाचा आगे ना बढ़ जाएं इसलिए उन्होंने ऐसा नहीं किया।
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उन्होंने यह भी कहा, अखिलेश यादव को आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा की निश्चित हार का अंदाजा हो गया था, इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारने के बजाय धर्मेंद्र यादव को उपचुनाव में उतारा ताकि धर्मेंद्र का नुकसान किया जा सके, क्योंकि अखिलेश को मालूम है कि धर्मेंद्र उनसे बेहतर नेता हैं। निरहुआ ने अखिलेश पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा प्रमुख मुगलों की नीतियों से प्रभावित हैं। उन्होंने आरोप लगाया, जिस तरह मुगलों ने अपनी गद्दी बचाने के लिए अपने भाइयों और रिश्तेदारों का दमन किया, वही काम अखिलेश यादव भी कर रहे हैं। अपने पिता (मुलायम सिंह यादव) और चाचा (शिवपाल सिंह यादव) के साथ उन्होंने जो किया, वह सबके सामने है।
निरहुआ ने पिछली 26 जून को आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के घोषित परिणामों में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रहे सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को साढ़े आठ हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। यह सीट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दिए जाने के कारण खाली हुई थी। निरहुआ ने कहा कि सपा को अब यह गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए कि ''यादव और मुसलमान मतदाता उसके बंधुआ हैं''। उन्होंने कहा कि चुनाव दर चुनाव यह साबित होता जा रहा है कि सपा अब इन दोनों वर्गों का विश्वास खोती जा रही है। चाहे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव हों या फिर 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव हों।
निरहुआ ने दावा किया, यादव और मुसलमान मतदाता अब यह सोचकर वोट देने लगे हैं कि वास्तव में कौन उनका भला कर सकता है और कौन उन्हें अभी तक अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रहा था। सपा अभी तक यादव और मुसलमान मतदाताओं के समीकरण से ही चुनाव जीतती रही है। अब यह समीकरण दरक चुका है। समाजवादी पार्टी अब समाप्तवादी पार्टी हो गई है। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार निरहुआ ने कहा कि वह एक बेहतर सांसद बनकर दिखाएंगे क्योंकि उन्होंने गरीबी और लाचारी देखी है तथा जमीन से उठकर निकले हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में 99% भोजपुरी फिल्में उत्तर प्रदेश में बन रही हैं और वह पूरी कोशिश करेंगे कि आजमगढ़ में एक ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे जिले में ही भोजपुरी फिल्मों की न सिर्फ शूटिंग हो बल्कि उसकी एडिटिंग समेत फिल्म बनाने की सारी प्रक्रिया जिले में ही संभव हो सके। भाजपा सांसद ने कहा कि इससे क्षेत्रीय कलाकारों को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेंगे, साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से लोगों को रोजगार भी मिलेगा।