आजम खान, उनकी पत्नी और दो बेटों पर जौहर विवि मामले में भी शिकंजा, अर्जी खारिज, आरोप तय
जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जे के मामले में आजम खान, उनकी पत्नी और दो बेटों समेत 12 लोगों की डिस्चार्ज अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट में आरोप तय हो गए। अब 18 को सुनवाई होगी।
मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा लेने के 22 मुकदमों में अदालत ने गुरुवार को डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज कर दिया। साथ ही सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी-दो बेटों और बहन समेत 12 लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं। इनमें आजम के करीबी सपा विधायक नसीर अहमद खां, रिटायर्ड सीओ आले हसन और तत्कालीन इंस्पेक्टर कुशलवीर के भी नाम हैं। मुकदमों में अगली सुनवाई आगामी 18 अप्रैल को होगी।
मालूम हो कि वर्ष 2019 में किसानों ने तत्कालीन जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह को प्रार्थना पत्र दिया था कि उनकी जमीनों पर आजम खां और उनके लोगों ने जबरन कब्जा कर लिया है। ये जमीनें जौहर विश्वविद्यालय परिसर में मिला ली गई हैं। जांच में शिकायत सही मिलने पर किसानों और प्रशासन की ओर से 27 मुकदमे दर्ज कराए गए थे।
इनका ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। गुरुवार को इनमें से 22 मुकदमों पर सुनवाई हुई। सपा नेता आजम खां, पत्नी तजीन फात्मा, बेटे अब्दुल्ला आदि अलग-अलग जेलों से वीडियो कांफ्रेसिंग से कनेक्ट हुए। वहीं सपा विधायक नसीर अहमद खां, आनंदवीर आदि कोर्ट में पेश हुए।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट(एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल) शोभित बंसल की कोर्ट ने किसानों के 22 मुकदमों में आरोपियों की डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज करते हुए आरोप तय कर दिए हैं। इनमें मोहम्मद आजम खां, आले हसन, कुशलवीर सिंह, तजीन फात्मा, अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम, निकहत अफलाक, जकीउर्रहमान सिद्दीकी, मुश्ताक अहमद सिद्दीकी, फसीह जैदी, नसीर अहमद खां और आनंदवीर शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन लेखपाल आनंदवीर पर तीन मुकदमों में जबकि, इंस्पेक्टर कुशलवीर पर 15 मुकदमों में चार्जफ्रेम हुआ है। अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की गई है। फिलहाल आजम खान, उनकी पत्नी और बेटा फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में सजा के बाद जेल में हैं। सजा के बाद आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं।