अयोध्या के सपा विधायक अभय सिंह को ‘वाई’ श्रेणी सुरक्षा, राज्यसभा चुनाव में BJP को वोट का मिला इनाम?
अयोध्या की गोसाईंगंज सीट से सपा विधायक अभय सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिल गई है। अभय सिंह उन सात विधायकों में शामिल हैं जिन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग करते हुए बीजेपी को वोट दिया।
अयोध्या की गोसाईंगंज सीट से सपा विधायक अभय सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिल गई है। अभय सिंह उन सात विधायकों में शामिल हैं जिन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग करते हुए बीजेपी प्रत्याशियों को वोट दिया था। आज वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलना राज्यसभा चुनाव में वोटिंग का इनाम ही माना जा रहा है। अभय सिंह को नई सुरक्षा के लिए आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी हो गया है। अब सीआरपीएफ के आठ जवान उनके साथ हमेशा तैनात रहेंगे। इनमें से पांच जवान घर पर सुरक्षा करेंगे, जबकि तीन जवान उनके साथ चलेंगे। अभय सिंह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से अपनी जान को खतरा बताते रहे हैं। उनके इलाके के रहने वाले विकास सिंह को पिछले दिनों एनआईए ने गिरफ्तार किया था। विकास सिंह पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों को संरक्षण देने का आरोप है।
अभय सिंह की गिनती बाहुबली विधायकों में होती है। वह अपने कार्यों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। पिछले दिनों अयोध्या में रामलला के दर्शन के दौरान भी अभय सिंह चर्चा में आए थे। पहले अभय सिंह ने 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए भी अयोध्या जाने की बात अपने पार्टी फोरम पर उठाई थी लेकिन तब सपा ने अपने विधायकों को वहां जाने से मना कर दिया था। इसके बाद अभय सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी को वोट करने के पहले अपने सोशल मीडिया पर रामलला की फोटो लगाई थी। जब रामलला के दर्शन करने गए तो वहां फफककर रो पड़े थे।
इससे पहले अभय सिंह के साले संदीप सिंह को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। संदीप सिंह की निशानदेही पर इंग्लैंड से बनी राइफल और इटली की बरपेटा पिस्टल बरामद की थी। एसटीएफ के इंस्पेक्टर आदित्य कुमार सिंह ने विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। शस्त्र लाइसेंस की फाइलें जिलाधिकारी कार्यालय से गायब हो गई थीं। पुलिस की तफ्तीश में पता चला कि संदीप सिंह ने माफिया मुख्तार अंसारी के दारुलशफा स्थित पते पर लाइसेंस स्थानांतरित कराया था। फिर सेटिंग करके संदीप ने विभूतिखंड के पते पर दोनों शस्त्रों के लाइसेंस स्थानांतरित कराए थे। दोनों शस्त्र लाइसेंस विभूतिखंड के पते पर हैं, लेकिन इनका ब्योरा नहीं मिल रहा था।