औरैया हादसा : कई परिवारों के लिए फरिश्ता बने आनंद, खून से लथपथ लोगों को बचाने कूद पड़े लाशों की ढेर में
औरैया के निकट मिहौली के सामने एनएच-19 हाईवे पर खड़ी डीसीएम में पीछे से ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतना जोरदार थी कि 25 प्रवासियों की मौत हो गई और 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसा आधी रात के बाद...
औरैया के निकट मिहौली के सामने एनएच-19 हाईवे पर खड़ी डीसीएम में पीछे से ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतना जोरदार थी कि 25 प्रवासियों की मौत हो गई और 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसा आधी रात के बाद लगभग पौने तीन बजे हुआ था।
हादसे में घायलों के लिए एक ढाबा कर्मी रहनुमा बन गया। हादसे के बाद उसने 112 नबंर पर फोन किया था। फिर हल्का इंचार्ज के मोबाइल पर फोन करके सूचना दी। हलका इंचार्ज ने अफसरों को जानकारी दी औऱ एंबुलेंस मंगवाई। इस बीच उन्होंने कराह रहे लोगों को बचाने का हर संभव प्रयास किया।
ढाबा कर्मचारी आनंद चतुर्वेदी सामने का मंजर देख बदहवास हो गए। लेकिन फिर उन्हें लगा कि यदि तड़प रहे लोगों को बचाया न गया तो वे मर जाएंगे। यह भूलकर कि वह कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं वे बचाव कार्य में अकेले ही लग गए। उनके पास न तो मास्क था और न ही ग्लब्ज। उन्होंने जैसे-तैसे फंसे 10-12 लोगों को खींचकर बाहर निकाला। तब तक हलका इंचार्ज योगेंद्र भी पहुंच गए। रात में लगभग तीन बजे पहुंची एंबुलेंस व पुलिस फोर्स राहत कार्य में जुट गई। मलबा हटाकर घायलों को बाहर निकाला जाने लगा। अलसुबह करीब 3:20 बजे पहली एंबुलेंस घायलों को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। इधर, डीएम के निर्देश पर अस्पताल कर्मी पूरी तरह से अलर्ट थे। जानकारी होते ही एसपी सुनीति 3:40 बजे और डीएम 3:55 पर घटनास्थल पहुंच गए। आधा दर्जन से ज्यादा एंबुलेंसों से बारी-बारी घायलों को लेकर पचास सैय्या जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां से गंभीर घायलों को सैफई रेफर कर दिया गया। 24 लोगों को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मरने वालों का शव पोस्टमार्टम के लिए चिचौली भेज दिया गया