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देवरिया जेल में चलता था अतीक अहमद का सिक्का, दिनदहाड़े अपहरण के बाद कारोबारी की कराई थी पिटाई

प्रयागराज में शनिवार को मारा गया माफिया अतीक अहमद 20 माह तक देवरिया जेल में भी रहा था। यहां भी उसने अपना आतंक कायम कर रखा था। बैरक में ही उसके बेटे और गुर्गों ने लखनऊ के कारोबारी की पिटाई कराई थी।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, देवरियाSun, 16 April 2023 09:09 PM
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प्रयागराज में शनिवार को मारा गया माफिया अतीक अहमद 20 माह तक देवरिया जेल में भी रहा था। यहां भी उसने अपना आतंक कायम कर रखा था। अतीक की बैरक में ही उसके बेटे और गुर्गों ने लखनऊ के कारोबारी की पिटाई कर उससे जबरन स्टांप पेपर पर दस्तखत कराकर हड़कंप मचा दिया था। इस मामले में छह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी।

अतीक अहमद को 4 अप्रैल 2017 को प्रयागराज के नैनी जेल से देवरिया जिला कारागार लाया गया था। उसे बैरक नंबर सात में रखा गया था। जेल में उसका धमक रहती थी।  26 दिसंबर 2018 को लखनऊ के रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अपहरण कर देवरिया जेल में लाया गया था। यहां अतीक की बैरक नंबर 7 में उसके बेटे उमर व गुर्गों ने उसे जमकर मारा-पीटा था। इसके साथ ही करीब 45 करोड़ रुपये की संपत्ति हथियाने के लिए जबरन स्टांप पेपर पर दस्तखत करा लिए थे। पीड़ित कारोबारी ने बाद में लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। यह मामला सामने आते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा था। इसके बाद छह जेलकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी। इस मामले में सीबीआई अतीक के खिलाफ लखनऊ में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। इस प्रकरण के बाद 31 दिसंबर 2018 को अतीक को आनन-फानन में यहां से बरेली जेल भेज दिया गया था। 

होटल की दीवार कूदकर भागे थे अतीक के गुर्गे

कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर भूमि बैनामा कराने के मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की तो जेल में अतीक से मिलने वाले रडार पर आ गए। जिला कारागार में पर्ची लगाकर मिलने वालों की संख्या अधिक थी। वहीं उसके कुछ गुर्गे बाहर से आकर होटलों में रुकते थे। इसके आधार पर सीबीआई ने होटलों का रिकार्ड खंगालते हुए दर्जनों लोगों से पूछताछ की थी। एसओजी ने 2018 में यहां के स्टेशन रोड स्थित एक होटल में छापेमारी की तो अतीक के गुर्गे दीवार कूदकर भाग गए थे। 

देवरिया-कुशीनगर के लोगों से बन गए थे संबंध

लगभग 20 माह तक जिला कारागार में रहने के दौरान अतीक के देवरिया और कुशीनगर के कुछ लोगों से गहरे संबंध हो गए थे। जिला कारागार में रहने के दौरान देवरिया के अबूबकर नगर मोहल्ले का एक व्यक्ति उसके लिए भोजन की व्यवस्था करता था। यहां के कुछ लोगों के साथ कारोबारी रिश्ते भी बनाए। यहां के कुछ लोगों ने लखनऊ और प्रयागराज में उसके प्रॉपर्टी डीलिंग कारोबार को आगे बढ़ाने में सहयोग किया था।

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