अतीक अहमद की मौत पर भी पत्नी शाइस्ता नहीं आई सामने, संपत्ति पर दावे के लिए आएगी? तीन महीने का समय
माफिया अतीक अहमद की हत्या के सात महीने बाद भी उसके गैंग और करीबियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अवैध संपत्तियों पर प्रशासन अपना ताला लगा रहा है। इन पर दावे के लिए पुलिस ने तीन महीने का समय दिया है।
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस हिरासत में 15 अप्रैल को कॉल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद भी अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन सामने नहीं आई। अंतिम दर्शन के लिए भी कब्रिस्तान नहीं पहुंची। अब पुलिस ने 12.42 करोड़ की अतीक की बेनामी संपत्ति गैंगस्टर एक्ट में कुर्क करने के बाद मालिकाना हक के दावे के लिए तीन महीने का समय दिया है। सवाल ये है कि जब शाइस्ता अपने शौहर के मरने पर सामने नहीं आई तो क्या वह संपत्ति बचाने के लिए सामने आएगी। फरार शाइस्ता पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम भी रखा है। उसके दो बेटे जेल में बंद है। दोनों छोटे बेटे अपनी बुआ की शरण में है। फिलहाल पुलिस इन सब पर नजर रखे है।
पुलिस ने बताया कि अतीक अहमद ने लालापुर के हुबलाल के नाम से कटहुला (एयरपोर्ट) के 14 किसानों की जमीन रजिस्ट्री कराई गई थी। हुबलाल ने भी शपथ पत्र देकर पुलिस को जानकारी दी कि करोड़ों की जमीनें उसकी नहीं है। इसी आधार पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत पांच हेक्टेयर से अधिक की जमीनें कुर्क की हैं। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में प्रॉपर्टी कुर्क करने का आदेश दिया था।
इसी आदेश में यह भी अंकित है कि कुर्की की जानकारी मिलने के 90 दिन तक मालिकाना हक के लिए दावा पेश किया जा सकता है। वह अपने मालिकाना हक के लिए पुलिस कमिश्नर की कोर्ट में अपील कर सकता है। अतीक के परिजन भी दावा पेश कर सकते हैं। इससे पूर्व भी अतीक की प्रॉपर्टी कुर्क होने पर कुछ लोगों ने दावा किया था। जैसे झूंसी में अतीक की कोल्ड स्टोरेज पर जब कुर्की की कार्रवाई होने लगी तो एक व्यापारी ने अपना मालिकाना हक जताया था। फरवरी में उमेश पाल की हत्या के बाद से अतीक और उसके गैंग पर शिकंजा शुरू हुआ था।