बांकेबिहारी मंदिर में इंतजाम फिर फेल, भीड़ के दबाव से मची चीख-पुकार, छह महिलाएं बेहोश
मथुरा जिले के वृंदावन में बने बांकेबिहारी मंदिर प्रशासन के एक बार फिर इंतजाम फेल हो गए। ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के दर्शन करने के लिये उमड़ी भीड़ के दबाव से छह महिलाएं तबीयत बिगड़ने से बेहोश हो गई।
मथुरा जिले के वृंदावन में बने बांकेबिहारी मंदिर प्रशासन के एक बार फिर इंतजाम फेल हो गए। ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के दर्शन करने के लिये उमड़ी भीड़ के दबाव से छह महिलाएं तबीयत बिगड़ने से बेहोश हो गई। महिलाओं के बेहोश होने की खबर से मंदिर परिसर में चीख-पुकार मच गई। जैसे-तैसे बेहोश हुईं महिलाओं को भीड़ से निकाल कर प्राथमिक उपचार दिया गया। ज्यादातर महिलाएं 60 वर्ष से अधिक उम्र की हैं। दर्शन को उमड़ी भीड़ के कारण यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई, जिससे लोगों के आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ी। रविवार को ठाकुर बांके बिहारी महाराज के दर्शन करने लिये हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। हरिनिकुंज चौराहा, विद्यापीठ चौराहा, जुगल घाट से मंदिर को जा रहे संकरे मार्गों पर श्रद्धालुओं का रेला नजर आया। इन रास्तों पर धक्का-मुक्की के साथ मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं को कड़ी मशक्कत के बाद ठाकुरजी के दर्शन करने पड़े।
गेट नंबर एक में प्रवेश से लेकर बाहर निकलने तक भीड़ का इतना ज्यादा दबाव रहा कि बुजुर्ग, बच्चों और रोगियों की सांस फूलने लगीं। चीख-पुकार के चलते श्रद्धालु किसी भी तरह से भीड़ से बाहर निकलने का प्रयास करने लगे। ऐसे में भीड़ का दबाव सहन न कर पाने वाले श्रद्धालुओं का बुरा हाल हो गया। घुटन के कारण शाम के समय छह महिला श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई। प्राथमिक उपचार के बाद परिजन उन्हें साथ ले गये। गेट नंबर दो से बाहर आने के बाद पलवल निवासी 65 वर्षीय मीरा पत्नी बच्चू सिंह, 60 वर्षीय कर्पूरी पत्नी रामनाथ निवासी झांसी, 70 वर्षीय सरला निवासी दिल्ली, सोनीपत निवासी 70 वर्षीय निर्मला पत्नी रघुवीर, झांसी निवासी 50 वर्षीय पक्कन पत्नी रघुवीर और मथुरा निवासी 55 वर्षीय शीला देवी पत्नी ओमप्रकाश की तबीयत बिगड़ी थी।
ठप पड़ी है ऑनलाइन पंजीकरण की योजना
ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के दर्शन कराने के लिये ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की गई थी, जो ठप पड़ी है। इसके तहत पंजीकृत श्रद्धालुओं को लाइन से बचाते हुए सुलभ दर्शन कराना है, लेकिन इस पर काम नहीं हुआ। तकरीबन छह माह पूर्व एडीजी यातायात अनुपम कुलश्रेष्ठ द्वारा मंदिर प्रबंधन और गोस्वामी समाज के साथ हुई बैठक में सहमति के बाद पंजीकरण से दर्शन कराने की व्यवस्था पर काम शुरू हुआ, लेकिन योजना ठंडे बस्ते में चली गई। पर्यटक सुविधा केंद्र, दारूक पार्किंग, मल्टीलेबल पार्किंग आदि स्थानों पर पंजीकरण केंद्र जरूर बना दिये गये हैं, लेकिन पंजीयन नहीं होते।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।