सात मेडिकल छात्र-छात्राओं पर जानलेवा एएनई का हमला, एक कोमा में, ब्रेन में फैला संक्रमण
कानपुर में पहली बार जानलेवा एक्यूट नेक्रोटाइजिंग इंसेफ्लाइटिस (एएनई) का संक्रमण फैल गया है। सबसे पहले इसका शिकार मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर ही हुए हैं। संक्रमण बेहद गंभीर बताया जा रहा है।
कानपुर में पहली बार जानलेवा एक्यूट नेक्रोटाइजिंग इंसेफ्लाइटिस (एएनई) का संक्रमण फैल गया है। सबसे पहले इसका शिकार मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर ही हुए हैं। संक्रमण की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा कोमा में चली गई। इसी तरह के लक्षण पर पांच और मेडिकल छात्र-छात्राओं को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल के मैटरनिटी विंग के विशेष वार्ड में भर्ती किया गया है। बीमारी से पीड़ित पांच छात्राओं और दो छात्रों का इलाज किया जा रहा है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की दो छात्राओं को सोमवार सुबह तेज बुखार आने पर हैलट इमरजेंसी में भर्ती किया गया था। छात्रा पाखी (20) को तीन घंटे बाद ही तेज सिर दर्द शुरू हो गया और वह अचेत हो गई। उसे आईसीयू में भर्ती किया गया पर रात में कोमा में चली गई। जांच में पता चला वह एएनई संक्रमण की शिकार है और ब्रेन में संक्रमण फैल चुका है। इस पर उसे वेंटीलेटर पर रखा गया। हालत बिगड़ने पर बाराबंकी से माता-पिता को हैलट बुला लिया गया है।
वहीं, बीमारी की जानकारी पर उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने मंगलवार दोपहर में मेडिकल कॉलेज पहुंच कर गर्ल्स हॉस्टल का मुआयना किया तो हैरान हो गईं। वहां तेज बुखार से पीड़ित थर्ड ईयर की तीन और मेडिकल छात्राएं, पैरा एम-2 का एक मेडिकल छात्र और फाइनल ईयर का एक छात्र मिला। उन्होंने तुरंत एम्बुलेंस बुलाकर मैटरनिटी विंग के विशेष वार्ड में भर्ती कराया। आशंका जताई गई है कि ये सभी एएनई के शिकार हैं।
छात्राओं में फैली दहशत मेडिकल छात्रा के इस तरह गंभीर होने पर मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल की दूसरी छात्राओं में दहशत है। हर कोई छात्रा के लिए दुआ कर रहा है।