Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Along with initiation into spiritualit the saint also became a career counselor new direction is being given to the youth in Magh Mela

अध्यात्म की दीक्षा के साथ करियर काउंसलर भी बन गए संत, माघ मेले में युवाओं को दी जा रही नई दिशा

माघ मेले में युवाओं को नई दिशा दी जा रही है। संत अध्यात्म की दीक्षा के साथ करियर काउंसलर भी बन गए। प्रवचन का नया स्वरूप में चल रहा है।

Deep Pandey   अभिषेक मिश्र, प्रयागराजSun, 11 Feb 2024 08:31 AM
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 माघ मेले की कथा प्रवचन में इन दिनों नया अध्याय भी जुड़ने लगा है। राम और कृष्ण की कथा के साथ मंचासीन संत युवाओं को करियर बनाने, नशा मुक्त रहने की सलाह भी दे रहे हैं। इस बात को लेकर शिविरों में सत्संग के दौरान संवाद भी होता है, जो प्रवचन का नया ही स्वरूप दिखा रहा है।  अब तक शिविरों में रामकथा, कृष्णलीला, भागवत आदि के प्रसंग ही सुनाई देते रहे हैं। इस बार माघ मेला में शिविरों में हो रहे संतों के प्रवचन में धार्मिक बातों के साथ युवाओं को नई दिशा भी दिखाई जा रही है। दंडी संन्यासी नगर में अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम शिविर में आए कल्पवासियों से उनके बच्चों के भविष्य के लिए बात कर रहे हैं। इस दौरान संत बच्चों और युवाओं से आध्यात्मिक बात तो करते ही हैं, इसके साथ ही उनकी रुचि के बारे में पूछकर उन्हें किस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहिए इसकी सलाह भी दे रहे हैं। 

वहीं आचार्य बाड़ा के शिविर में स्वामी घनश्यामाचार्य अपने प्रवचन में युवाओं को नशा मुक्त रहने की सलाह दे रहे हैं। इस दौरान एक युवक ने बताया कि वह प्रयास कर रहा है, लेकिन इससे मुक्त नहीं हो पा रहा है। जिस पर संत ने युवक को पानी पीते रहने, कलाई में रबर बैंड बांध कर उसे खींचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए नशे से मुक्त होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रवचन के दौरान बताया कि युवाओं को किस प्रकार अपना भविष्य चुनना चाहिए। सेक्टर पांच स्थित श्रीराम सेवा समिति के शिविर में भी प्रतिदिन 10 युवाओं को अलग से बैठाकर काउंसिलिंग की जा रही है। 

शंकराचार्य भी कर रहे हैं युवाओं से संवाद
प्रयागराज। सभी शिविरों के साथ ही इस वक्त पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भी युवाओं से संवाद कर रहे हैं। धर्म, राष्ट्र निर्माण, मंदिर और सरकार के विषय पर उनके प्रत्येक व्याख्यान में खुला सत्र होता है। जिसमें बैठने वाले युवा बेबाकी से अपने प्रश्न पूछ रहे हैं, जिसका शंकराचार्य समाधान कर रहे हैं। प्रतिदिन उनके शिविर में इसका आयोजन होता है। वहीं ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी माघ मेला शिविर में सीएमपी डिग्री कॉलेज के छात्रों से पूरे दिन संवाद किया। शंकराचार्य ने कर्मफल, मोक्ष के मार्ग के साथ ही समाज शास्त्र के बारे में छात्रों की जिज्ञासा को शांत किया। 

सोशल मीडिया के बता रहे उपयोग और दुरुपयोग
इसके साथ ही संतों ने सोशल मीडिया के उपयोग और दुरुपयोग को बताने का काम भी शुरू किया है। रामानंदा मार्ग पर लगे शिविर में महिला संत राधिका वैष्णव अपने प्रवचन में सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर रील बनाने का दौर चल रहा है। बच्चे अभद्र नृत्य कर रहे हैं। यह समाज को दिशा देने वाला नहीं है। अगर इसका उपयोग करना है तो धार्मिक चीजों को देखें। जो पढ़ाई कर रहे हैं, उससे जुड़े विषय इंटरनेट पर चर्च करें। नई पुस्तकों को देखें और राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय विषय की खोज करें, जो आगे काम आएगी।

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