इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की जितेंद्र त्यागी की अग्रिम जमानत याचिका, ड्राइवर की पत्नी से रेप का आरोप
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ सैयद वसीम रिजवी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। उनके खिलाफ उनके पूर्व ड्राइवर ने अपनी पत्नी से रेप के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ सैयद वसीम रिजवी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। उनके खिलाफ उनके पूर्व ड्राइवर ने 2021 में रेप केस दर्ज करवाया था। रेप केस में कोर्ट ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान की खंडपीठ ने कहा कि एसीजेएम, लखनऊ ने जनवरी में जितेंद्र त्यागी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था और अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोई आधार नहीं पाया।
खंडपीठ ने केस में पीड़ित/मुखबिर द्वारा बताई गई आशंकाओं पर ध्यान देते हुए जितेंद्र त्यागी की याचिका खारिज की। बताया जा रहा है कि जितेंद्र त्यागी के प्रभाव के कारण पीड़ित/मुखबिर लापता रहा और मामले की जांच में भी सहयोग नहीं किया। अदालत ने आगे कहा कि मामले की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है, इस पर ध्यान देने के बाद मामले के जांच अधिकारी को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देनी चाहिए।
जितेंद्र त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने अपने पूर्व ड्राइवर की पत्नी के साथ रेप किया। यह भी आरोप है कि त्यागी ने पीड़िता को उसके बच्चों की जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ रेप किया। यह भी आरोप लगाया गया है कि त्यागी ने ड्राइवर को लखनऊ से बाहर भेजने के बाद समय-समय पर पीड़िता के साथ रेप करना शुरू कर दिया।
बहस सुनने के बाद, पीठ ने पीड़िता और उसके पति के दायर कई हलफनामों का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि त्यागी उन पर मामला वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं और उनकी जान को भी खतरा है। पीठ ने आईओ के दर्ज किए गए कई बयानों पर भी ध्यान दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने त्यागी को पीड़िता के क्वार्टर की ओर जाते देखा था, जबकि उसका पति बाहर था। अदालत ने यह भी नोट किया कि आईओ आवेदक के ठिकाने का पता लगाने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसका पता नहीं चल सका।