लखनऊ बार और सदस्यों को कोई मान्यता न दें. चुनाव नहीं कराने पर हाईकोर्ट नाराज
लखनऊ बार का चुनाव नहीं कराने पर हाईकोर्ट बेहद नाराज है। हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में आदेश दिया है कि लखनऊ बार और सदस्यों को कोई मान्यता न दें। हाईकोर्ट ने डीएम और अन्य अफसरों को यह आदेश दिया है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों को आदेश दिया है कि लखनऊ बार एसोसिएशन, पदाधिकारियों और सदस्यों को कोई मान्यता न दी जाए। इसके पूर्व न्यायालय ने आदेश के बावजूद दस हजार से अधिक अधिवक्ताओं वाली कलेक्ट्रेट स्थित लखनऊ बार एसोसिएशन का चुनाव नहीं कराने पर नाराजगी जताई थी।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी, मनीष कुमार की खंडपीठ ने लखनऊ बार एसोसिएशन की एल्डर्स कमेटी की ओर से दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। लखनऊ बार एसोसिएशन का गठन सोसायटीज रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत हुआ है। इसमें चुनाव जैसे विवाद पर सुनवाई का अधिकार उक्त अधिनियम के तहत संबंधित अधिकारियों को प्राप्त है।
इसका संज्ञान लेकर कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर वह ऐसे विवादों पर खुद सुनवाई नहीं करता, लेकिन वकीलों का मामला होने से उसने मामले की सुनवाई करते हुए 17 अक्तूबर 2023 को सभी पक्षों की सहमति से आदेश जारी किया था। इसमें 9 नवंबर 2023 तक चुनाव कराने के लिए कहा गया था। कोर्ट ने कहा कि आदेश का सम्मान नहीं किया गया। पक्षकार अपने विवाद के समाधान के लिए संबधित अधिकारी के सामने अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं।