अखिलेश MLC इलेक्शन में नहीं दोहराएंगे राज्यसभा चुनाव वाली गलती, PDA पर लगाएंगे दांव
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित करते ही पीडीए की उपेक्षा के आरोपों से घिर गए थे। उन्हें पार्टी के अंदर बगावत और अंतत: क्रास वोटिंग का सामना करना पड़ा।
Akhilesh Yadav in MLC Election: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित करते ही पीडीए की उपेक्षा के आरोपों से घिर गए थे। उन्हें पार्टी के अंदर काफी विरोध, बगावत और अंतत: क्रास वोटिंग का सामना करना पड़ा। अब विधानपरिषद चुनाव में वह राज्यसभा वाली गलती नहीं दोहराने जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अखिलेश इस बार पीडीए पर दांव लगाने वाले हैं।
भाजपा विधान परिषद उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद अब निगाहें समाजवादी पार्टी की तरफ लगी हुई है। बताया जा रहा है कि विधान परिषद की 13 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में सदस्य संख्या को देखते हुए तीन उम्मीदवार उतारने की दिशा में काम कर रही है। उच्च स्तर पर पूर्व मंत्री बलराम यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और हाल ही में बसपा से आने वाले मुस्लिम नेता गुड्डू जमाली को उम्मीदवार बनाने पर लगभग सहमति हो चुकी है। बस अधिकारिक घोषणा होना बाकी है।
राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग से घबराई सपा विधान परिषद चुनाव के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। सदस्य संख्या के हिसाब से वह तीन उम्मीदवारों को उताराना चाहती है। इसमें दो ओबीसी और एक मुस्लिम के नाम पर विचार हो रहा है। सपा इसके सहारे पीडीए को धार देना चाहती है।
राज्यसभा चुनाव में दो अगड़ों को उतारने के बाद सपा में विद्रोह हो गया था। आरोप लगने लगे थे कि पीडीए का नारा देने वाले अखिलेश स्वयं इसकी अनदेखी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इसको ध्यान में रखते हुए ही उम्मीदवारों के चयन में पीडीए का भी ध्यान रखा जा रहा है।