101 मंदिरों की श्रृंखला वाला आगरा का बटेश्वर धाम, कभी लूट के बाद यहां घंटा चढ़ाने आते थे डकैत
आगरा में ताजमहल के अलावा वहां का तीर्थ स्थल भी बेहद फेमस है। इसी क्रम में शहर से 70 किलोमीटर दूर बटेश्वर स्थान है। जहां भगवान शिव के 101 मंदिरों की श्रृंखला है। यहां यमुना उलटी दिशा में भी बहती है।
यूपी का आगरा जिला बेहद खास है। दरअसल यहां एक से बढ़कर एक टूरिस्ट स्पॉट हैं जहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। वैसे तो आगरा ताजमहल, किले और प्राचीन इमारतों के लिए जाना जाता है। लेकिन यहां के धार्मिक स्थल भी महत्व है। जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर यमुना नदी के किनारे भगवान महादेव का बटेश्वर धाम स्थित है। यहां हमेशा शिव भक्तों का तांता लगा रहता है।
भगवान शिव के प्राचीन मंदिरों में से एक बाबा बटेश्वरनाथ धाम है। यहां भगवान शिव की बड़ी-बड़ी मूंछों वाली प्रतिमा स्थापित है। इसके अलावा यहां महादेव और देवी पार्वती सेठ-सेठानी की मुद्रा में हैं। बटेश्वर धाम में 101 शिव मंदिरों की श्रृंखला वाला मंदिर भी है। यहां सभी घाट के किनारे क्रम से बने हुए हैं। यहां कार्तिक और सावन के महीने में विशाल पशु और लोक मेला लगता है। पूर्णिमा के समय यहां श्रद्धालु यमुना में स्नान करने के बाद मंदिर में दर्शन करने हैं।
बटेश्वर धाम को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। जिनमें से एक कहानी के मुताबिक कंस का वध होने के बाद उसका शव यहीं यमुना के घाट पर टकराया था। इसलिए यहां के एक स्थान का नाम कंस किनारा पड़ गया। इसके अलावा महाभारत काल में ही वासुदेव की वासुदेव की बारात बटेश्वर से मथुरा गई थी। इतिहासकारों की मानें तो नागर शैली में बने इस खूबसूरत मंदिर का निर्माण भदावर राजघारने के राजा बदन सिंह भदौरिया ने करवाया था। इस स्थान का एक खास महत्व भी है। दरअसल जहां यमुना पश्चिम से पूरब की ओर बहती है तो वहीं यहां पर नदी उलटी दिशा यानी पूरब से पश्चिम की ओर बहते हुए बटेश्वर धाम का चक्कर लगाती है। इससे अर्द्धचंद्राकार की आकृति बनती है।
घंटे चढ़ाने की है परंपरा
ऐसा कहा जाता है कि बीहड़ के डकैत लूटपाट करने के बाद यहां छिप जाते थे। इसके अलावा वह यहां पर घंटा चढ़ाते थे। कुख्यात डाकू मानसिंह भी यहां घंटा चढ़ाने आता था। आज भी डाकू और श्रद्धालुओं के चढ़ाए बड़े-बड़े घंटे देखनों मिल जाते हैं। अब तक लोगों ने 5 ग्राम से लेकर 5 क्विंटल तक के घंटे इस धाम पर चढ़ा चुके हैं।
कैसे पहुंचे
आगरा से बटेश्वर धाम की दूरी करीब 70 किलोमीटर जबकि शिकोहाबाद से 23 किलोमीटर है। दोनों शहरों से बटेश्वर के लिए आपको आसानी से ऑटो या बस मिल जाएंगे।