सावधान! पैकर्स एंड मूवर्स के नाम पर फर्जीवाड़ा, इस तरह लोगों को लूट रहे हाईटेक बदमाश
एक तरफ हाईटेक व्यवस्था लोगों को राहत दे रही है तो इसी का फायदा उठाकर बदमाश भी लोगों को लूट रहे हैं। अब पैकर्स एंड मूवर्स के नाम पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। इन लोगों ने गूगल पर विज्ञापन दिया था।
एक तरफ हाईटेक व्यवस्था लोगों को राहत दे रही है तो इसी का फायदा उठाकर बदमाश भी लोगों को लूट रहे हैं। अब पैकर्स एंड मूवर्स के नाम पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। आगरा में शातिरों ने आरआर पैकर्स एंड मूवर्स नाम से ठगी के लिए गूगल पर विज्ञापन दिया था। कंपनी की वेबसाइट बनवाई थी। शातिरों ने कानपुर के एक युवक की कार हड़प ली थी। मुकदमे के बाद ट्रांसयमुना थाना पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त रूप से छानबीन शुरू की। गैंग के चार सदस्यों को दबोचा। तीन कार और पांच मोबाइल बरामद हुए हैं।
केडीए कालोनी, चकेरी कानपुर नगर निवासी बॉबी सिंह ने ट्रांसयमुना थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका स्थानांतरण कानपुर नगर से बेंगलुरु हो गया था। उन्हें अपनी वरना कार वहां भेजनी थी। गूगल पर सर्च किया। आरआर पैकर्स एंड मूवर्स का विज्ञापन देखा। उसकी वेबसाइट पर गए। एक फार्म भरा। उनके पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि 16600 रुपये का खर्चा आएगा। वह तैयार हो गए। ऑनलाइन भुगतान कर दिया।
21 जून को दो युवक उनके पास आए। अपने नाम राहुल व इम्तियाज बताए। कंपनी की आईडी दिखाई। उनकी कार एक ट्रोला में लोड कराई। बताया कि 27 को गाड़ी बेंगलुरु पहुंच जाएगी। गाड़ी ले जाने के दूसरे दिन उनके पास कंपनी से फिर फोन आया। फोन करने वाले ने 40 हजार रुपये और मांगे। बताया कि बीमा और जीएसटी भी देनी होगी। वह हैरान रह गए। रुपये देने से इनकार कर दिया। उनसे कहा गया कि अब गाड़ी ही वापस ले सकते हो लेकर दिखाओ।
रुपये ऐंठने के बाद गाड़ी के बेचते थे पुर्जे
इंस्पेक्टर ट्रांसयमुना आनंद प्रकाश ने बताया कि एसटीएफ आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा अपनी टीम के साथ पहले से ठगों के गैंग पर काम कर रहे थे। मुकदमे के बाद थाना पुलिस के साथ मिलकर ऑपरेशन किया। पुलिस ने रिहान उर्फ राहुल, इम्तियाज अब्बासी, इमरान व अनीस को पकड़ा। आरोपियों से पूछताछ के बाद शाहदरा स्थित गोदाम पर छापा मारा। वहां तीन गाड़ियां मिलीं। राहुल गैंग का सरगना है।
उसने पुलिस को बताया कि पूर्व में हैदराबाद की आरके पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी में काम किया है। उसे पता था कि पैकर्स का काम कैसे होता है। उसने साथियों के साथ मिलकर फर्जी कंपनी बनाई। रजिस्ट्रेशन कराया। गूगल पर विज्ञापन दिया। कंपनी की वेबसाइट बनवाई। उस पर अपना नंबर रजिस्टर्ड कराया।
उसके पास ग्राहकों के फोन आने लगे। वे ग्राहक के सामने ही ट्रोला में गाड़ी लोड करते थे। बाद में उसे उतार कर गोदाम पर भेज देते थे। ग्राहक से गाड़ी वापस करने के एवज में रुपयों की मांग करते थे। मांग पूरी होने पर भी गाड़ी नहीं लौटाते थे। उसके पुर्जे चोर बाजार में बेच दिया करते थे।
निकाल देते थे जीपीएस
राहुल ने पुलिस को बताया कि गाड़ियों में अब जीपीएस लगा होता था। सबसे पहले उसे डिस्कनेक्ट करते थे। फास्ट टैग निकाल देते थे। ताकि गाड़ी मालिक गाड़ी ट्रेस नहीं कर पाए।
इनकी हुई गिरफ्तारी
अग्रसेन पुरम कालोनी, ट्रांसयमुना निवासी रिहान उर्फ राहुल, इम्तियाज अब्बासी (यमुना ब्रिज घाट), इमरान (गढ़ी चांदनी) व अनीस (एत्मादुद्दौला) को पकड़ा गया है। तीन कार, पांच मोबाइल, कंपनी के प्रपत्र, छह आईडी कार्ड, तीन एटीएम कार्ड आदि सामान मिला है।