राजौरी आतंकी हमले में आगरा के कैप्टन शुभम के बाद अलीगढ़ के सचिन भी शहीद, आठ दिसंबर को निकलनी थी बारात
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकी हमले में आगरा के कैप्टन शुभम के बाद अलीगढ़ के सचिन भी शहीद हो गए हैं। सचिन की बीडीसी सेकेंड राजौरी में तैनाती थी। कल दोपहर बाद पार्थिव शरीर आने की उम्मीद है।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों एवं सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में अलीगढ़ के टप्पल का लाल सचिन लोर शहीद हो गया है। गुरुवार को सिपाही के शहीद होने की सूचना परिजनों को मिली तो पूरे गांव में मातम छा गया। शहीद का शव शुक्रवार को सैन्य सम्मान के साथ लाया जा सकता है। सचिन की आठ दिसंबर को बारात निकलने वाली थी। जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए एनकाउंटर में भारतीय सेना के दो कैप्टन सहित पांच जवान घायल हुए थे। यह सभी गुरुवार को वीरगति को प्राप्त हो गए। इसमें यूपी के आगरा के ही कैप्टन शुभम भी शामिल हैं।
अलीगढ़ के टप्पल के ग्राम गोरोला निवासी पैरा कमांडो सचिन लोर (24) पुत्र रमेश चंद्र लोर बीडीसी सेकेंड पैरा कमांडो के रूप में राजौरी में तैनात थे। परिजनों के अनुसार सुबह करीब साढ़े सात बजे ही जम्मू-कश्मीर सेना मुख्यालय से सूचना दी गई थी कि सचिन आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान घायल हो गया है। इसके कुछ देर बाद ही शहीद होने की सूचना आ गई। गांव के लाल सचिन के शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव के लोगों का शहीद के घर पर जुटना शुरू हो गया। शाम तक सेना के अफसर दिल्ली से भी घर पहुंच गए और परिजनों का ढांढस बंधाया।
आठ दिसंबर को होनी थी मथुरा से शादी, घर में चल रहीं थी तैयारी :
शहीद सचिन के चाचा भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह लाला प्रधान ने बताया कि शहीद भतीजे की शादी आठ दिसंबर को मथुरा की मांट तहसील के अर्न्तगत जैसेया गांव से होना तय हुई थी। एक दिन पहले ही कार्ड छपकर आए थे। घर में शादी की खरीदारी के साथ ही कार्ड बांटे जाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। घर में शहनाई बजने से पहले ही मातम पसर गया।
पिता किसान तो एक भाई नेवी में अफसर
शहीद सचिन के पिता रमेश चंद्र किसान व मां भगवती गृहणी हैं। सचिन तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। बड़ा भाई विवेक नेवी में अफसर है। वर्तमान में कोच्चि में तैनात है। इसके अलावा एक बड़ी बहन हैं। जिनकी शादी रायपुर, मथुरा में हो चुकी है।
अगस्त में आया था आखिरी बार घर
परिजनों के मुताबिक शहीद सचिन आखिरी बार अगस्त माह में अपने टप्पल स्थित घर आया था। तब पूरा परिवार एक साथ एकत्रित हुआ था। बड़े भाई-बहन भी साथ में मैाजूद थे। काफी दिनों के बाद परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ समय बिताया था। तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि सचिन से सभी का मिलना यह आखिरी बार होगा।
क्रिकेट का था शौक, स्टेट स्तर पर खेला था
परिजनों के मुताबिक शहीद सचिन क्रिकेट खेलने का शौकीन था। शुरुआती पढ़ाई क्षेत्र में ही स्थित बाबूजी कॉन्वेंट स्कूल से हुई थी। पढ़ाई के दौरान ही वह क्रिकेट खेलने लगा था। क्रिकेट का जुनून इस कदर चढ़ा था कि यूपी की तरफ से स्टेट स्तर पर भी दिल्ली में हुए एक टूर्नामेंट में खेल चुका था।
वाट्सएप पर किया था मैसेज, एनकाउंटर के लिए जाना है
परिजनों के मुताबिक एक दिन पूर्व ही सचिन ने फोन पर पिता से बात की थी। वहीं एनकाउंटर पर जाने से पहले सचिन ने घर के मोबाइल नंबर पर मैसेज भी किया था कि हम एनकाउंटर पर जा रहे हैं, बस दुश्मनों का सफाया कर अभी आते हैं। एसडीएम खैर दिग्विजय सिंह के अनुसार गांव नगरिया गोरोला के सचिन लोर राजौरी में शहीद हुए हैं। शहीद का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ शुक्रवार दोपहर बाद लाया जा सकता है।