Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़administration will hand over the land taken from Johar University to the custodian it is registered as enemy property

जौहर यूनिवर्सिटी से ली जमीन कस्‍टोडियन को सौंपेगा प्रशासन, शत्रु संपत्ति में है दर्ज; जानें पूरा मामला

नियमों को ताक पर रखकर कस्टोडियन की जिस 13.8 हेक्टेयर जमीन को पहले ग्राम सभा फिर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल किया गया था, वह जमीन राजस्व विभाग के कब्जे में आ चुकी है। इसे कस्टोडियन विभाग को सौंपा जाएगा।

Ajay Singh वरिष्ठ संवाददाता, रामपुरSat, 27 July 2024 07:09 AM
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नियमों को ताक पर रखकर कस्टोडियन की जिस 13.8 हेक्टेयर जमीन को पहले ग्राम सभा और फिर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल किया गया था, वह जमीन अब राजस्व विभाग के कब्जे में आ चुकी है। इस जमीन को कस्टोडियन विभाग को हस्तांरित किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया जिला प्रशासन ने जारी कर दी है।

मालूम हो कि पूर्व में अजीमनगर थाने में आजम खान के खिलाफ शत्रु संपत्ति कब्जाकर जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा राजस्व निरीक्षक मनोज कुमार की तहरीर पर दर्ज हुआ था। मुकदमे में आरोप था कि सींगनखेड़ा गांव में ताहिर हुसैन खां की जमीन है। वह पाकिस्तान में रहते हैं। उनकी जमीन सरकारी अभिलेखों में शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं जौहर यूनिवर्सिटी के चांसलर आजम खां ने इसे अपनी यूनिवर्सिटी में मिला लिया, जो गैरकानूनी है। यह मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा तो हकीकत सामने आ गई। 

शत्रु संपत्ति को सींगनखेड़ा की ग्राम सभा में शामिल करते हुए उसे बाद में जौहर विवि परिसर में ले लिया गया। इस पर हाईकोर्ट ने शत्रु संपत्ति की नपत कराकर उसे कस्टोडियन डिपार्टमेंट को सौंपने के आदेश जिलाधिकारी को दिए। जिसके बाद प्रशासन ने यहां जमीन की पैमाइश कराकर हदबंदी की प्रक्रिया शुरू कर दी। राजस्व प्रशासन पैमाइश पूरी होने के बाद संबंधित जमीन को शत्रु संपत्ति अभिरक्षक के कब्जे में देगा।

कुछ जमीन पर चलवाई हैरो
कस्टोडियन की कुछ जमीन पर बड़ी-बड़ी घास उग आई थी, लिहाजा पैमाइश में दिक्कत होने के चलते ट्रैक्टर मंगवाकर हैरों चलावकर संबंधित जमीन की जुताई कराई गई।

2022 में हुई थी तारबंदी, फिर हटानी पड़ी थी
वर्ष 2022 में हाईकोर्ट के आदेश पर तत्कालीन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने जौहर विवि में टीम भेजी थी और कस्टोडियन की जमीन की पैमाइश कराकर तारबंदी कराई थी, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तारों की फेंसिंग हटवायी गई थी।

दूसरे दिन भी जारी रही सीमांकन की प्रक्रिया
मालूम हो कि गुरुवार को शत्रु संपत्ति के पर्यवेक्षक प्रशांत सैनी, नायब तहसीलदार गौरव विश्नोई के साथ दोपहर में जौहर विवि पहुंचे थे। यहां फोर्स और राजस्व टीम को बुलवाकर शत्रु संपत्ति को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू करते हुए पिलर खड़े कराए गए थे, लेकिन सीमांकन पूरा नहीं हो सका, लिहाजा शुक्रवार को भी यह प्रक्रिया जारी रही।

क्‍या बोले डीएम 
डीएम जोगिंदर सिंह ने कहा कि दरअसल, यह जमीन गृह मंत्रालय के अधीन कस्टोडियन डिपार्टमेंट की है। हाईकोर्ट ने जमीन की नपत कराकर कस्टोडियन को सौंपने का आदेश दिया है। इसके चलते जौहर विवि परिसर स्थित 13.842 हेक्टयर इस जमीन और जमीन पर जो भी संपत्तियां-परिसंपत्तियां हैं, उस पर कब्जा ले लिया गया है, जिसे कस्टोडियन को सौंपा जाएगा। 

जानें कब क्या हुआ

-2006 में संबंधित जमीन शत्रु संपत्ति साबित हुई।
- 10 मई 2022 को हाईकोर्ट ने हदबंदी के आदेश दिए।
- 2022 जून माह में प्रशासन ने पैमाइश के बाद कराई फेंसिंग।
- 22 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फैसले पर रोक।
- 09 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट ने दिए कब्जा लेने के आदेश।

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