घंटों नहीं मिल रहे जरूरी सामानों की सप्लाई के लिए खुले कंट्रोल रूम के नंबर, आज से पांच और नंबर करेंगे काम
जरूरी सामानों की सप्लाई के लिए खुले कंट्रोल रूम के लिए गोरखपुर जिला प्रशासन ने पहले दिन जो पांच नंबर खोले थे वे जिले की बड़ी आबादी के सामने बिल्कुल नाकाफी साबित हुए। लोग घंटों ये नंबर...
जरूरी सामानों की सप्लाई के लिए खुले कंट्रोल रूम के लिए गोरखपुर जिला प्रशासन ने पहले दिन जो पांच नंबर खोले थे वे जिले की बड़ी आबादी के सामने बिल्कुल नाकाफी साबित हुए। लोग घंटों ये नंबर मिलाते रह गए लेकिन कामयाबी इक्का-दुक्का को ही मिली। पांच से एक मोबाइल नंबर स्विच ऑफ भी था। लिहाजा, बेशुमार शिकायतों के बाद शुक्रवार से प्रशासन ने हेल्पलाइन में पांच और नंबर बढ़ा दिए हैं।
गुरुवार को बेतियाहाता की कुमुद चंद उन भाग्यशाली लोगों में रहीं जो आधे घंटे की मशक्कत के बाद होम डिलीवरी के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर पर बात करने में कामयाब रहीं। कई प्रयास के बाद घंटी बजने की खुशियां उस समय काफूर हो गईं जब कुमुद ने दूध पहुंचाने के लिए कहा और जवाब मिला कि नहीं है। उन्होंने ब्रेड मांगा तो उस पर भी नहीं बोल दिया गया। आखिर कुमुद ने पूछा कि क्या मिल जाएगा? इस पर जवाब मिला कि आज कुछ भी नहीं मिल पाएगा। कल फोन करना। अब देखते हैं हेल्पलाइन की दूसरी तस्वीर। मियां बाजार निवासी ऋषि गुप्ता ने कई बार नम्बर डॉयल किया पर हर बार फोन इंगेज बताता रहा। जबकि मोहद्दीपुर के अनिल श्रीवास्तव ने फोन लगाया तो एक नंबर आउट ऑफ सर्विस मिला, बाकी इंगेज बताते रहे।
सुबह 9:30 बजे तक जरूरी सामानों की दुकानें खोलने और खरीदारी की छूट खत्म कर शुरू की गई होम डिलीवरी व्यवस्था पहले दिन गुरुवार को ही ध्वस्त हो गई। हेल्पलाइन नम्बरों में से एक खराब मिला जबकि अन्य नंबर लगातार व्यस्त ही बताते रहे। ऐसे में न लोगों को दूध मिल सका और न ही अन्य जरूरी सामान। हालांकि प्रशासन का दावा है कि 362 फोन आए जिसमें से 112 लोगों के यहां डिलीवरी हुई।
इसी तरह से रामबाग के राधेश्याम हेल्पलाइन की अव्यवस्था पर गुस्से में नजर आए। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा पर जिला प्रशासन पानी फेर रहा है। हेल्पलाइन किस काम का जब सुबह से शाम तक कोई अपना दर्द ही न सुना पाए।
इसी तरह भरवलिया के राम मोहन ने कहा कि उन्होंने सुबह 8:30 बजे से लेकर 11 बजे के बीच हेल्पलाइन नम्बरों पर सात बार फोन किया। हर बार टोन बिजी का ही मिला। ऐसा लगा किसी ने रिसीवर हटा दिया है। गगन सहगल ने सुझाव दिया कि प्रशासन को चाहिए कि वह हेल्पलाइन की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करे क्योंकि लॉकडाउन में अव्यवस्था संभालने में इसी का बड़ा रोल होगा। इसी तरह की शिकायतें महानगर के लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों से आती रहीं।
वेंडर हों या दुकानदार, सभी टाल गए :संजय अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने गैस सिलेंडर बुक कराया है। लॉकडाउन की वजह से वह जा नहीं पा रहे हैं और वेंडर फोन पर बात करने के दौरान टाल दे रहा है। उन्होंने हेल्पलाइन मिलाकर मदद मांगनी चाही लेकिन नम्बर विजी रहा। दाउदपुर निवासी रिटायर अभियंता ने बताया कि उन्होंने हेल्पलाइन पर मिलाया लेकिन बात नहीं हो पाई। मोहल्ले की एक बड़ी दुकान पर जानना चाहा कि क्या प्रशसन ने होम डिलीवरी के लिए कहा है तो उसने पल्ला झाड़ लिया।
सुबह दिखा कर्फ्यू जैसा नजारा
सुबह की छूट खत्म हो जाने के बाद सड़कों पर सुबह से ही कर्फ्यू जैसा नजारा दिखा। पुलिस का डर और दुकानों के बंद होने की वजह से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। जिला प्रशासन के दावे के बाद गुरुवार की सुबह से ही लोग अपने-अपने टैरेस पर खड़े होकर दूध-ब्रेड और सब्जी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन अधूरी तैयारी की वजह से कुछ ही लोगों को ही यह सुविधा मिल पाई।
हमें सूचना नहीं और नंबर भी सार्वजनिक कर दिए गए गोरखनाथ मार्ट के मालिक नवोदित गुप्ता के अनुसार, उन्हें बताया ही नहीं गया और नंबर सार्वजनिक कर दिए गए। फोन लगातार आ रहे हैं इसलिए फोन बंद करना पड़ा। बगैर पास वह स्टोर कैसे खोल सकते हैं। डिलीवरी ब्वॉय को बगैर पास कैसे फील्ड में उतार दें। प्रशासन ने नए सिरे से होम डिलिवरी की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है।
‘हिन्दुस्तान’ ने इस समस्या की हकीकत जानने के लिए दोपहर 2:40 बजे खुद सारे हेल्पलाइन नंबरों पर बारी-बारी से प्रयास किये। कई बार प्रयास करने के बाद भी तीनों लैंड लाइन नंबरों पर सम्पर्क नहीं हो सका। ये सारे नंबर लगातार व्यस्त आते रहे। जबकि बिजली समस्या से सम्बन्धित मोबाइल नंबर 9454416252 स्विच ऑफ मिला। बिजली की समस्या के लिए जारी मोबाइल नंबर पर बात हो गई। फोन उठाने वाले कर्मचारी ने बहुत अच्छे ढंग से बात की। उन्होंने बताया कि सुबह से लगातार फोन आ रहे हैं और वे हर कॉल पर आने वाली शिकायत का कुछ न कुछ समाधान देने का प्रयास कर रहे हैं।
कंट्रोल रूम में शुक्रवार से 25 लेखपाल, कानूनगो व अमीनों की ड्यूटी लगाई जा रही है। यह दो पहिया वाहनों के साथ कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे। यह उसी इलाके में जाएंगे, जहां पर लोगों को आसानी से सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। रात में भी यही कर्मचारी सामानों की आपूर्ति करेंगे। सभी तहसीलों में भी 10-10 लोगों की टीम बनाने के आदेश दिए गए हैं।
के. विजयेंद्र पांडियन, डीएम
गुरुवार को लोगों को हुई दिक्कतों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने होम डिलीवरी के लिए हेल्पलाइन कंट्रोल रूम में और पांच नंबर बढ़ा दिया है। अब कंट्रोल रूम में कुल 9 नंबर हो गए हैं। उधर, जिला प्रशासन शुक्रवार ने शाहपुर की मंडी को खोलने का आदेश दिया है। दुकानों को डोर टू डोर डिलीवरी के लिए खोला जाएगा।
होम डिलीवरी करने वाले लोगों का पास न बनने की वजह से दुकानदार अपने डिलीवरी ब्वॉय को डिलीवरी के लिए नहीं भेज पा रहे थे। हालांकि इस दिक्कत को जिला प्रशासन ने दूर करते हुए चिह्नित दुकानों के डिलीवरी ब्वाय के लिए पास जारी कर दिया है। डीएम का कहना है कि शुक्रवार से स्थिति सुधर जाएगी।
लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं को लेकर चार घंटे की छूट समाप्त होने के बाद गुरुवार को डायल 112 पर कुल 125 कालें आईं। सबसे ज्यादा कॉल, सामान मंगाने और न मिलने को लेकर आई। किसी के घर दूध तो कहीं सब्जी नहीं आई थी। कंट्रोल रूम की टीम ने इन सभी कॉलों को कोरोना हेल्प डेस्क की टीम को ट्रांसफर कर दिया था।
अब इन हेल्पलाइन नंबरों पर कर सकते हैं फोन
0551-2201796
0551-2202205
0551-2204196
9454416252
9532797104
9532041882
9532824859
8765134842
8765592506