Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Accused UP Cop of Vivek Tiwari murder Prashant Chaudhary changed his statement

विवेक तिवारी हत्याकांड: आत्मरक्षा के बयान से पलटा हत्यारोपी प्रशांत चौधरी

29 सितम्बर की सुबह लोहिया में मेडिकल के लिए लाये गए प्रशांत चौधरी ने मीडिया कर्मियों को बयान दिया था। इसमें उसने कहा था कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। हालांकि शाम को वह अपने बयान से पलट गया था।...

लखनऊ, लाइव हिन्दुस्तान टीम Fri, 5 Oct 2018 11:41 AM
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29 सितम्बर की सुबह लोहिया में मेडिकल के लिए लाये गए प्रशांत चौधरी ने मीडिया कर्मियों को बयान दिया था। इसमें उसने कहा था कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। हालांकि शाम को वह अपने बयान से पलट गया था। अपने दूसरे बयान में उसने गलती से गोली चल जाने की बात कही थी। गुरुवार को एसआईटी की पूछताछ में उसने गलती से फायर होने की बात कही। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों के बयान का अध्यन करके घटना की कड़ियां जोड़ी जाएगी।

प्रशांत ने थाने में बदले थे कपड़े
एसआईटी ने प्रशांत से पूछा कि घटना के वक्त उसने वर्दी पहनी थी या नहीं। इस पर प्रशांत ने बताया कि उसने वर्दी पहन रखी थी। थाने आकर उसने पत्नी राखी मलिक को सूचना दी। कुछ देर बाद राखी उसके लिए कपड़े लेकर आई। उसने वर्दी उतारकर लोअर और टी-शर्ट पहनी और थाना परिसर में ही घूमता रहा। प्रशांत ने बताया कि उसे सुबह करीब 5 बजे पता चला कि विवेक के साथ मौजूद महिला ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।.

सोशल मीडिया पर पुलिस की सतर्क नजर
डीपीजी ओपी सिंह के निर्देश के बाद सभी जिलों में सोशल मीडिया पर सतर्क नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाला सिपाही सर्वेश चौधरी वर्ष 2011 में पुलिस में भर्ती हुआ था। वर्तमान में वह एटा में नियुक्त है लेकिन 25वीं बटालियन पीएसी रायबरेली से संबद्ध है। सर्वेश को अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस के सिपाहियों के असंतोष की कोई स्थिति नहीं है। सभी पूरी तत्परता से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। कुछ बर्खास्तशुदा पुलिस कर्मी चिह्नित किए गए हैं। इसमें एक ऐसा सिपाही भी शामिल है जो वर्ष 2012 में ही बर्खास्त कर दिया गया था। ऐसे कुछ लोग आपराधिक तत्वों के साथ मिलकर अफवाह फैलाने में जुटे हैं। अधिकारियों को सोशल मीडिया पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। ‘दी पुलिस एक्ट 1922 के तहत भी अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह एक्ट पुलिस कर्मियों को सरकार की नीतियों के प्रति असंतोष व्यक्त करने से रोकता है। इसके उल्लंघन पर सजा का प्रावधान है।

एसआईटी की पूछताछ में प्रशांत ने अपने अधिकारियों के रवैये के बारे में भी बताया। प्रशांत ने बताया कि गोली चलने के बाद उसने सबसे पहले प्रभारी निरीक्षक देवी प्रसाद तिवारी को फोन किया था। उन्होंने पूरी बात सुनने के बाद कहा कि वह थाने पर नहीं हैं और नाइट अफसर को सूचना देने की बात कहकर फोन काट दिया। इसके बाद उसने नाइट अफसर को फोन किया था। एएसपी क्राइम दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार की कॉल डिटेल भी खंगाली जाएगी।

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